अनंत से जुड़ने की चाहत

By: Jan 21st, 2017 12:05 am

श्रीश्री रवि शंकर

इसलिए कोई बड़ा कार्य करना एक अस्थायी अवस्था है। यदि तुम ऐसा कोई काम अनंत काल के लिए करना स्वीकार करते हो जो तुम्हारी क्षमता से बहुत कम हो, वही पूजा है। छोटी-छोटी चीजें सजगतापूर्वक अनंत काल तक करने की तत्परता तुम्हें अनंत से जोड़ देती है…

अनंत के लिए तुम क्या कर सकते हो? अवश्य ही ऐसा कुछ नहीं जो बहुत बड़ा या श्रेष्ठ हो। क्योंकि इसके लिए तुम्हें प्रयास करना पड़ता है और प्रयास करने पर तुम थक जाते हो। इसलिए कोई बड़ा कार्य करना एक अस्थायी अवस्था है। यदि तुम ऐसा कोई काम अनंत काल के लिए करना स्वीकार करते हो, जो तुम्हारी क्षमता से बहुत कम हो, वही पूजा है। छोटी-छोटी चीजें सजगतापूर्वक अनंत काल तक करने की तत्परता तुम्हें अनंत से जोड़ देती हैं। यह अहंकार का तोड़ है। अहंकार हमेशा महत्त्वाकांक्षी होता है और कठिनतम कार्य करना चाहता है। जैसे कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना। परंतु एक साधारण सा कार्य जैसे एक तितली को देखना, बागीचे में पानी देना, पक्षियों या आकाश को देखने से तुम्हें गहन विश्रांति प्राप्त होती है और विश्रांति से तुम अपने स्रोत से जुड़ जाते हो। इसका अर्थ यह नहीं है कि तुम्हें जीवन भर तुच्छ कार्य करने की आवश्यकता है, परंतु सजगता पूर्वक अनंत के लिए तुच्छ कार्य करने की स्वीकृति हमारे जीवन में एक नया आयाम देती है और इससे असीम शांति और विश्राम प्राप्त होता है। कर्मों में विश्राम पाने के लिए ऐसा कार्य चुनो, जो तुम्हारी क्षमता से बहुत कम हो और उसे अनंत के लिए करने में तत्पर रहो। अपनी क्षमता से कम कार्य करने से संतुष्ट रहने पर तुम क्षमता से अधिक कार्य करने में समर्थ हो जाओगे। यह जान लो कि सभी कार्यों की उत्पत्ति अनंत से होती है और जो कार्य अनंत से उत्पन्न होते हैं, वे तुम्हें अनंत तक ले जा सकते हैं। मजाक पर प्रश्न करने पर वह मजाक नहीं होता। बोझ पर भी प्रश्न मत करो। जीवन और उसकी घटनाओं पर प्रश्न करना समय नष्ट करना है। बोझ तुम्हें गहराई में ले जाता है। यह तुम्हें अपने अंतकरण की ओर ले जाता है। एक स्वप्न तुम्हें सजगता की ओर ले जाता है और जीवन को एक मजाक समझने पर तुम हल्के हो जाते हो। सत्य केवल यह है कि जीवन सपना है, बोझ या मजाक है। जब तुम यह महसूस करते हो, तब तुम केंद्रिंत हो सकते हो। जब तुम जीवन की सही दिशा को जान लेते हो, तब तुम्हारी सारी महत्त्वाकांक्षा समाप्त हो जाती है। यह एहसास  कि जीवन अत्यंत छोटा है, तुम्हारे जीवन में गतिशीलता लाता है। जीवन में जब भी आप कोई भी कार्य करें, उसे पूरी सजगता के साथ करें, क्योंकि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। यह छोटे-छोटे कार्य ही आपको बड़े मुकाम तक पहुंचाते हैं। अपने जीवन को अनंत से जोड़ने के लिए सतत प्रयास करें ।


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