पांगी के नर्तक पहनते हैं हाथ से बुने ऊनी कोट

By: Jan 18th, 2017 12:05 am

पांगी के नर्तक प्रायः हाथ से बुने मोटे ऊन के कोट और गोल टोपी जो जाओ पायजामा और पैरों में पूलें पहनते हैं। स्त्रियां कुर्ता, तंग गहरे रंग का पायजामा और कुर्ते पर ऊनी शॉल पहनती हैं। जेवरों में कंकरू और मुर्की पसंद करती हैं…

स्पीति क्षेत्र में पुरुष बालदार ऊंची टोपी, लिंगजिमा एक लंबी ढीली फ्रॉक या उनका कोट (रिबोये) या भेड़ बकरी की खाल (थकया) या सूती कपड़े के साथ बालदार (चारलाक) डोरी या किरा, ऊनी पायजामा (सुथन), लंबे चमड़े के बूट पहनते हैं। पायजामा बूट के सिरे से इस तरह पहने जाते हैं, जिससे ठंड नहीं पहुंचती, कुछ तो रेशमी या सूती तोचे पहनते हैं। स्त्रियां बैरंग, बिना बटन के पूरे स्लीव की कमीज, (हजूब) एक सूती ढीली फ्रॉक (तोचे) ऊन के फ्रॉक की तरह का कोट (रिघोच) जिसके किनारे पर धारीधार रंग (थचर्म) सिला होता है और चमकदार धारीधार रेशमी सश (किरा) का कमरबंद, ढीवकला पायजामा, ऊनी शॉल (लिंगचे) बालदार ऊनी लोकपा पहनती हैं। वृद्ध पुरुष सोने की अंगूठियां, बालियां (मुर्की) और क्यांति पहनते हैं। नई पीढ़ी के लोग ऐसा नहीं करते। स्त्रियां प्रायः चांदी के अलंकार अधिक पहनती हैं। लाहुली स्त्रियां माला के रंग-बिरंगे मणकों से शरीर को सजाती हैं। इसी प्रकार अन्य जेवर जो वे पहनती हैं, वे हैं डुंगकी, क्यीर किरस, किर कित्सी ताटका, पोशेल, फंस, अलांग, युतांद, छोटा-बड़ा फुली, डुंकेत्सा, मुतिग कांति, शमशा, भंग, गुईरा, बुरकी शुव, क्यांति। स्पीति के लोग सोने-चांदी के जेवर पसंद करते हैं। वे हीरे मोती, मणके इत्यादि अधिक पहनते हैं। हिमाचल के गद्दी नर्तक डोरा और सफेद ऊनी चोला-फरगल जो चोगे जैसा होता है, पहनते हैं। फरगल के नीचे के भाग में असंख्य सिलवटें पड़ी रहती हैं और घेरा भी काफी बड़ा होता है। इस फरगल पर काली ऊनी, पशमीने या रेशमी लंबी रस्सी से कसकर कमर लपेट लेते हैं। गले में रंगीन दुपट्टा या रूमाल लपेट लेते हैं। सिर पर ऊंची पगड़ी या टोपी पहनते हैं, जिसमें पक्षियों के रंगीले एवं चमकीले पंख सुसज्जित होते हैं। चूड़ीदार पायजामा पहनकर गद्दी नर्तक स्वर, लय और ताल पर मनोहर लोकनृत्य करते हैं। स्त्री नर्तकियां सलवार, रंग-बिरंगा बंगाली कुर्ता, सिर पर दुपट्टा और पैरों में पाणि पहनती हैं। कई बार तो गद्दी औरतें पुरुषों का ही पहनावा पहन लेती हैं। पुरुष कानों में सोने की नंनती, बाली, कमीज पर चांदी के बटन और सोने- चांदी की अंगूठियां पहनते हैं। स्त्रियां सिर पर चांदी का चौक माथे पर बंदीयान जो जंजीर सा होता है, कानों में फेर बालवरियां कर्णफूल पहनती हैं। नाक में सोने के बालू, लौंग, फूली, कोका, नथनी से सजाती हैं। गले में चांदी की ढंडी माला, डोडमाला, लच्छा पहनती हैं और कलाई में चांदी का टोका, कांगनू, बगियां, पाजेब, झांझर, गुथरी फुलू से पांव सजाती हैं। पांगी के नर्तक प्रायः हाथ से बुने मोटे ऊन के कोट और गोल टोपी जो जाओ पायजामा और पैरों में पूलें पहनते हैं। स्त्रियां कुर्ता, तंग गहरे रंग का पायजामा और कुर्ते पर ऊनी शॉल पहनती हैं। जेवरों में कंकरू और मुर्की पसंद करती हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App