पेटीएम से पहचान गढ़ते विजय शेखर शर्मा

By: Jan 4th, 2017 12:07 am

cereerविजय शेखर शर्मा वर्तमान में नोटबंदी के दौर में आम जनता के लिए राहत का पैगाम लेकर आए। विजय शेखर शर्मा भारत के एक उद्यमी और पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 8 जुलाई, 1973 को हुआ। इनके पिता एक साधारण स्कूल टीचर थे। विजय शेखर ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई दिल्ली कालेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी) से पूरी की। दिल्ली कालेज ऑफ इंजीनियरिंग की स्थापना सन् 1974 में हुई। इन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई हिंदी माध्यम से की और इसी वजह से इन्हें अपनी आगे की पढ़ाई करने में इंग्लिश के कारण कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। क्योंकि वह अंग्रेजी लिख-पढ़ नहीं पाते थे।

पेटीएम का ख्याल कब और कैसे आया-

विजय शेखर ने वर्ष 2001 में वन 97 कम्युनिकेशन नाम की कंपनी बनाई थी। मोबाइल कंटेंट के रूप में बाजार में एंट्री हुई थी। विदेश यात्रा के दौरान उन्होंने स्मार्ट फोन की सुविधाओं को जाना। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की बात सोची। इसे जीरो शुल्क पर लोगों को उपलब्ध कराने की योजना बना वर्ष 2011 में पेटीएम कंपनी बना डाली।

उपभोक्ताओं को कैसे आकर्षित किया

घर बैठे फोन रिचार्ज, मूवी टिकट, रेल, बस, हवाई जहाज का टिकट बुक करने की सुविधा उपलब्ध कराई। इस दौरान वह पेटीएम के माध्यम से भुगतान करने आए। धीरे-धीरे कंपनी पर उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ा। विजय शेखर शर्मा ने कालेज में 15 साल की उम्र में काम करना शुरू किया और 37 साल की उम्र में कंपनी को बिलियन डालर कंपनी बना दिया। जनता के लिए ई-ट्रांजेक्शन करने में मददगार बनकर उभरी ई-वॉलेट कंपनी पेटीएम एक कदम आगे बढ़कर एटीएम लगाने की तैयारी भी कर रही है। इसे रिजर्व बैंक से मंजूरी भी मिल चुकी है और जल्द ही गांव-गांव और शहर-शहर में इसके अनूठे एटीएम होंगे।


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