मंगलनाथ मंदिर
मंगलनाथ मंदिर की गिनती भारत के प्रमुख मंदिरों में की जाती है। मंदिर प्रमुख धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित है। इस मंदिर की महिमा अपरंपार है। यहां आकर कोई भक्त निराश नहीं लौटता। यह मंदिर भक्तों की सभी विपदाओं को हर लेता है। इसी कारण इस मंदिर का विशेष महत्त्व है। अपनी कुंडली में मंगल के भारी पड़ने पर भक्त मंगल की शांति के लिए यहां आते हैं। इस मंदिर का महत्व इसलिए भी ब़ढ जाता है कि यह पवित्र क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित है। जहां का मनोरम दृश्य भक्तों को बरबस ही अपनी ओर खींच ले आता है। इस पवित्र धाम पर आना भक्तों के लिए एक अविस्मरणीय यात्रा से कम नहीं, जिसकी याद ताउम्र जहन में बनी रहती है। मत्स्य पुराण तथा स्कंध पुराण में मंगल देव के विषय में विस्तार पूर्वक बताया गया है। इन पुराणों के अनुसार, उज्जैन में ही मंगल भगवान की उत्पत्ति हुई थी। मंगलनाथ मंदिर ही वह स्थान है, जहां मंगल देव का जन्म स्थान है। इस मंदिर को दैवीय गुणों से युक्त माना जाता है। वैसे तो देश भर में मंगल भगवान के अनेक मंदिर हैं, परंतु मंगल का जन्म होने के कारण यह मंदिर देश के अन्य मंदिरों से अलग है। मंगल देव को मंदिरों और तस्वीरों में चार हाथ वाले त्रिशूल और गदा धारण किए दर्शाया गया है। यह दुष्टों और असुरों के संहारक हैं। भगवान मंगल की पूजा से सारे कार्य मंगल होते हैं।
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