मनरेगा टारगेट पूरा करने को कसरत
केंद्र को भेजे जा रहे यूसी, आज होगी वीडियो कान्फ्रेंसिंग
शिमला – प्रदेश में चल रही मनरेगा योजना के आखिरी चरण में किए जाने वाले कार्यों को लेकर शुक्रवार को मुख्यालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा की गई। शनिवार को पूरे प्रदेश के जिलाधीशों के व दूसरे संबंधित अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की जाएगी। सभी पंचायतों को अभी तक किए गए कार्यों का सोशल ऑडिट करवाने के निर्देश दिए गए थे, जिस पर अभी कुछ स्थानों में ये काम पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में सरकार ने जल्द इसकी विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। प्रदेश से यूसी भेजने का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन इसके मुताबिक अभी तक पैसा रिलीज नहीं हो पाया है। प्रदेश सरकार केंद्र से इस योजना के आखिरी चरण के कार्य पूरा करने के लिए जल्दी ही नया बजट जारी करने की डिमांड रखेगी। जिन जिलों से अभी तक यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट तैयार नहीं किए गए हैं, वहां के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे जल्दी केंद्र को ये यूसी भेजें, क्योंकि इसके मिलने के बाद ही पैसा जारी होगा। मनरेगा में पिछला जो बजट केंद्र सरकार ने जारी किया था, उसे खर्च कर दिया गया है और अब आखिरी तीन महीने में टारगेट के मुताबिक काम किया जाना है। हालांकि इस साल टारगेट में हिमाचल काफी पीछे है, लेकिन इसे पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत की जा रही है। कई जिला मनरेगा के कार्यों में पिछड़े हुए हैं, वे केवल केंद्र से समय पर पैसा नहीं आने के कारण हुआ है। हालांकि सोशल ऑडिट का काम भी यहां देरी से शुरू हुआ है, परंतु उम्मीद है कि इसी वित्त वर्ष में तय समयावधि के मुताबिक प्रदेश सरकार अपनी रिपोर्ट केंद्र को भेज देगी।
गांवों में बेरोजगारों को मिला रोजगार
मनरेगा के तहत ग्रामीण विकास में अहम योगदान मिल रहा है। गांवों में मनरेगा के तहत बेरोजगारों को बड़े पैमाने में रोजगार मिला है। केंद्र सरकार ने 286 करोड़ रुपए की राशि आखिरी बार जारी की थी, जिसके बाद अब आगामी राशि लेने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। अनिल शर्मा ने कहा कि मनरेगा में आई राशि का आबंटन पूरा कर अब नए सिरे से बजट के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं।
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