मां की ममता ने तोड़ी बर्फ की बेडि़यां
सात दिन के बीमार नवजात संग पैदल तय किया 22 किलोमीटर सफर
बालीचौकी – घाट पंचायत की एक मां सात दिन के नवजात संग 22 किलोमीटर पैदल सफर तय कर बाहू खूण कैंची के समीप पहुंची। यहां से महिला को निजी वाहन के माध्यम से क्षेत्रीय अस्पताल मंडी पहुंचाया। महिला को बर्फीले रास्तों को पार करवाने के लिए परिजनों सहित करीब आठ लोग साथ रहे। रास्ते में जैसे-जैसे नवजात रोने लगा, तो मां ने बर्फ में बैठकर नवजात को स्तनपान करवाया। बता दें कि मंडी जिला के दुर्गम क्षेत्र की घाट पंचायत की कमला देवी पत्नी बेली राम ने 10 जनवरी को घर में बेटा-बेटी को जन्म दिया है। जच्चा-बच्चा छह दिन तक स्वच्छ रहे, लेकिन सातवें दिन मंगलवार सुबह करीब नौ बजे एक नवजात का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा। महिला नवजातों को पीएचसी गाड़ागुशैणी में उपचार के लिए ले गई, लेकिन पीएचसी में चिकित्सक ने नवजात को चैक करके क्षेत्रीय अस्पताल मंडी के लिए रैफर कर दिया। इसके उपरांत प्रसूति महिला परिजनों व ग्रामीणों के साथ मंडी अस्पताल के लिए जुड़वा बच्चों को उपचार दिलाने के लिए चल दी। महिला घाट गांव से करीब सुबह दस बजे चली और बाहू क्षेत्र के खूण कैंची तक करीब बाद दोपहर तीन बजे पहुंची। इस दौरान कमला देवी ने बर्फीला रास्ता करीब 22 किलोमीटर पांच घंटे में तय किया। जहां से उन्हें आगे के सफर के लिए निजी वाहन मिला। बताया जा रहा कि नवजात सर्दी के कारण बीमार हो गया है। वहीं मंडी अस्पताल में जच्चा-बच्चा पहुंच गए हैं। चिकित्सकों ने उपचार शुरू कर दिया है। घाट पंचायत के प्रधान ललित कुमार ने बताया कि गाड़ागुशैणी पीएचसी छह पंचायतों का केंद्र बिंदु है। उक्त स्वास्थ्य केंद्र में एक ही चिकित्सक हैं। इसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने प्रदेश सरकार व प्रशासन से मांग की है कि स्वास्थ्य केंद्र को जल्द सीएचसी बनाया जाए। ताकि मंडी जिला के अंतिम छोर पर स्थित समस्त गांवों के लोगों को सुविधा सके।
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