मां चंडिका शक्तिपीठ

By: Jan 7th, 2017 12:20 am

मां चंडिका शक्तिपीठभारत के कोने-कोने में मां दुर्गा के मंदिर स्थापित हैं जो अपने चमत्कारों के कारण विश्व प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक मंदिर है मां चंडिका का। यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में एक माना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में मां सती की बायीं आंख गिरी थी। जिसके कारण यह विश्व प्रसिद्ध है। इस मंदिर में आकर पूजा करने वालों की आंखों की पीड़ा ठीक हो जाती है। मां चंडिका का यह मंदिर बिहार मुंगेर जिला मुख्यालय से करीब चार किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर पवित्र गंगा के किनारे स्थित है और इसके पूर्व और पश्चिम में श्मशान स्थल है। इस कारण चंडिका स्थान को श्मशान चंडी के रूप में भी जाना जाता है। नवरात्र के दौरान कई विभिन्न जगहों से साधक तंत्र सिद्धि के लिए भी यहां जमा होते हैं। चंडिका स्थान में नवरात्रों में अष्टमी के दिन विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। मान्यता है कि इस स्थल पर माता सती की बायीं आंख गिरी थी। यहां आंखों के असाध्य रोग से पीडि़त लोग पूजा करने आते हैं और यहां से काजल लेकर जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां का काजल नेत्र रोगियों के विकार दूर करता है। चंडिका स्थान एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। नवरात्र के दौरान सुबह तीन बजे से ही माता की पूजा शुरू हो जाती है। संध्या में शृंगार पूजन होता है। यहां आने वाले लोगों की सभी मनोकामना मां पूर्ण करती है। वहीं दूसरी ओर इस मंदिर को महाभारत काल से भी जोड़ा जाता है। माना जाता है कि अंगराज कर्ण मां चंडिका के भक्त थे। मां के विशाल परिसर में काल भैरव, शिव परिवार और भी कई देवी-देवताओं के मंदिर हैं, जहां श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं।

 


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