रामलोक मंदिर को मिलेगी सरकारी जमीन!

By: Jan 2nd, 2017 12:05 am

कंडाघाट   —  उपायुक्त सोलन की रिपोर्ट को दरकिनार करके सरकार निजी जमीन के बदले रूढ़ा स्थित रामलोक मंदिर को सरकारी जमीन देने की तैयारी कर रही है। यदि ऐसा होता है तो 60.12 बीघा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का खतरा भी कहीं अधिक बढ़ जाएगा। फिलहाल यह मामला प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा विरोध किए जाने की वजह से लटका हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि तुंदल पंचायत के मौजा रूड़ा में खसरा नंबर 371/366/321 में अलॉटेबल पूल की 60.12 बीघा सरकारी भूमि है। यह पूरी भूमि पहाड़ी के आकार में है। इसकी चोटी पर अवैध रूप से मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जबकि यह 19 बिस्वा भूमि वर्ष 2015 में सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए पंचायती राज विभाग को हस्तांतरित की गई थी, लेकिन वहां पर सामुदायिक भवन का निर्माण नहीं किया गया। मंदिर कमेटी ने इसी खसरा नंबर पर साथ लगती 2.06 बीघा भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। प्रशासन ने मंदिर कमेटी व पंचायती राज विभाग को अवैध निर्माण को हटाने के निर्देश जारी किए। इसके बाद स्थानीय लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन के समक्ष एक प्रस्ताव रखा कि मंदिर निर्माण के लिए 2.06 बीघा सरकारी भूमि का खसरा नंबर 87/1 में तीन बीघा निजी भूमि के साथ तबादला किया जाए। जिस व्यक्ति की यह भूमि है, वह इसके लिए तैयार था। प्रशासन ने जब इस भूमि का बाजार मूल्य निकाला तो तीन बीघा निजी भूमि की कीमत 1.10 सरकारी भूमि के बराबर ही निकली। इस तबादले पर निर्णय सरकार को लेना है, पिछले कई महीनों से यह मामला लंबित पड़ा हुआ है। वहीं जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि यदि तीन बीघा भूमि का 1.10 बीघा सरकारी भूमि के साथ तबादला किया जाता है तो इसकी निशानदेही की जाए। मंदिर व उसके साथ के भवन के निर्माण के लिए भूमि चिन्हित की जाए। 1.10 बीघा भूमि के अंदर ही निर्माण किया जाए। साथ लगती सरकारी भूमि पर निर्माण नहीं होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि 1.10 सरकारी भूमि का तीन बीघा निजी भूमि के साथ तबादला होता है तो भविष्य में साथ लगती 60.12 बीघा भूमि पर अतिक्रमण नहीं होगा, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

उपायुक्त बोले

उधर, उपायुक्त सोलन राकेश कंवर का कहना है कि मौजा रूढ़ा में खसरा नंबर 371/366/321 में 1.10 बीघा भूमि को खसरा नंबर 87/1 में तीन बीघा के तबादले का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा गया है।  उन्होंने कहा कि इस खसरा नंबर 371/366/321 में अॅलाटेबल पूल की 60.12 बीघा सरकारी भूमि है।


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