स्पीति क्षेत्र के पुरुष पहनते हैं ऊंची बालदार टोपी

By: Jan 11th, 2017 12:05 am

औरतें प्रायः नीले और पीले जैकेट पहनती हैं और गर्मियों में शनील के कोट पहनती हैं। बौद्ध औरतें नंगे सिर रहती हैं। स्वांगला, शिपी और लोहार स्त्रियां टोपियां पहनती हैं। अविवाहित लड़कियां सिर पर कुछ नहीं पहनती …

कुल्लू के नर्तक दल और कहीं-कहीं मंडी के ग्रामीण क्षेत्र के नर्तक दल प्रायः अपने हाथ से बुनी गोलाकार कलगीदार काली टोपी पहनते हैं। इसमें सुनहरी झालर और मोनाल पक्षी की कलगी की शोभा देखते ही बनती है। सफेद लंबा ऊनी कोट और चूड़ीदार पायजामा, लाल, पीला, भूरा ऊनी कटि कमरबंद तुणकी, दुपट्टे के साथ पहनते हैं। इसे पटकू द्वारा कमर कोे इस तरह बांधा जाता है कि चारों तहों से चित्र सा बन जाता है। उसके ऊपर एक चादर लटकाकर (बाएं) कंधे पर दायीं कमर पर बांधी जाती है। पुराने समय में यही सैनिक वेशभूषा होती थी। किन्नौर और लाहुल की स्त्रियां अपनी परंपरागत फूलों से सजी टोपियां पहनती हैं। फूलों की मालाएं तो प्रायः सभी क्षेत्र के नर्तक दल गले और सिर में पहनना पसंद करते हैं। कुल्लू और किन्नौर जिलों की स्त्रियां अपनी टोपियों के दोनों ओर पीपल नाम का एक गहना पहनती हैं, जो पीपल पत्र के आधार की चांदी का बना होता है और चांदी के ही एक मीनाकारी लिए हुए खंडो पर कसा रहता है। इस गहने से स्त्रियों के चेहरे पर एक आभा सी झिलमिलाती रहती है। इनके हार धातुओं के बड़े-बड़े पतरों में से काट कर बनाए जाते हैं, जिन पर इस क्षेत्र की लोक परंपरागत डिजाइनों की खुदाई और हरी तथा पीली मीनाकारी रहती है। मीनाकारी किए हुए इन पतरों को चंद्रहार की चांदी की जंजीरों से जोड़ दिया जाता है। कुल्लू घाटी के नाच वाले गहनों में बड़ी नथ और एक पत्र की बलाक वाली डिजाइन शायद ही कहीं और देखने को मिले, नाक पर सोने की बारीक लौंग और लाहुल-स्पीति में नर्तक गाउन की तरह लंबा ऊनी चोलू और पायजामा, सिर पर विशेष प्रकार की ऊंची रंगीन टोपी, गले में मणि का हार, कानों में सोने के तुंगल, माथे पर गुदी हुई सोने या चांदी की कढ़ी हुई दो मणियां, तंग पायजामा और बर्फ से सुरक्षा करने वाले बूट पहनते हैं। चोगा की तरह कुर्तों के साथ स्त्रियां कमरबंद बांधती हैं और साथ जैकेट प्रायः महरून या भूरे रंग के कपड़े अधिक पसंद किए जाते हैं। बाल अनेक छोटी-छोटी चोटियों में गुंथे जाते हैं। पुरुष अपने कोट के दायीं ओर बटन लगाते हैं और स्त्रियां उसकी जगह डोरी बांधती हैं। स्त्रियां के पायजामे चूड़ीधार पायजामे की तरह होते हैं। औरतें प्रायः नीले और पीले जैकेट पहनती हैं और गर्मियों में शनील के कोट पहनती हैं। बौद्ध औरतें नंगे सिर रहती हैं। स्वांगला, शिपी और लोहार स्त्रियां टोपियां पहनती हैं। अविवाहित लड़कियां सिर पर कुछ नहीं पहनती। स्पीति क्षेत्र में पुरुष बालदार ऊंची टोपी, लिंगजिमा एक लंबी ढीली फ्रॉक या ऊन का कोट(रिबोये)या भेड़- बकरी की खाल(थकया)या सूती कपड़े के साथ बालदार(चारलाक) डोरी या किरा, ऊनी पायजामा (सुथन) और लंबे चमड़े के बूट पहनते हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App