कारीगरों के कल्याण के लिए एमओयू

By: Feb 22nd, 2017 12:02 am

नई दिल्ली— कपड़ा मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने आपस में हाथ मिलाया है, ताकि अनुसूचित जातियों के अनुमानित 12 लाख कारीगरों के आर्थिक विकास के लिए और भी ज्यादा आवश्यक कदम उठाए जा सकें। सोमवार को कपड़ा मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीनस्थ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी) के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका उद्देश्य देश भर में कार्यरत उन कारीगरों की आमदनी बढ़ाने के लिए आपस में मिल-जुलकर काम करना है, जो अनुसूचित जातियों से जुड़ी श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन इरानी और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत की मौजूदगी में इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। वस्त्र सचिव रश्मि वर्मा और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में सचिव लता कृष्ण राव भी इस अवसर पर उपस्थित थीं। एमओयू में इस बात पर भी सहमति जताई गई है कि विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) का कार्यालय अपनी विभिन्न योजनाओं के लिए परियोजना संबंधी रिपोर्टों को तैयार करने और अनुसूचित जातियों के कारीगरों की जरूरतों को चिन्हित करने के लिए क्षेत्र (फील्ड) संबंधी अध्ययन कराने के लिए एनएसएफडीसी की सहायता करेगा।


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