क्यो होती है आंखों की रोशनी कम

By: Feb 18th, 2017 12:05 am

बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम होने से थोड़ी मुश्किलें तो बढ़ती हैं, पर हम चश्मे की मदद से अपनी दिनचर्या को सामान्य बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं। समय से पहले आंखों की रोशनी का कम होना हमारी लाइफ स्टाइल और मेडिकल कंडीशन पर भी निर्भर करता है। ऐसे तो बहुत सारी वजह हैं, जिनसे आखों की रोशनी कम होती है, लेकिन इसके कुछ मुख्य कारण ये भी हो सकते हैं।

उम्र के अलावा इन चीजों से कम होती है आंखों की रोशनीः

दिनभर स्क्रीन के सामने बैठना- आधी से ज्यादा आबादी दिनभर में 7 से 8 घंटे  स्मार्टफोन, कम्प्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गजेट्स के सामने बिता देती है। जिसका दुष्परिणाम डीईएस (डिजिटल आई स्ट्रेन) है, इससे आंखों में थकान के साथ धुंधला दिखने लगता है। मुसीबत की बात यह  है कि इस दौरान हम अपनी पलकें 70 प्रतिशत कम झपकाते हैं और नतीजतन आंखें ड्राई होने के साथ थकान से भर जाती हैं। डीईएस के इलाज के लिए आपको साधारण फार्मूला अपनाना होगा। हर 20 मिनट के अंतराल पर आंखें बंद करें या फिर 20 फुट की दूरी पर 20 सेकंड तक लगातार देखने से भी आपकी आंखों को आराम मिलेगा।

देर तक कंटेक्ट लेंस का प्रयोग- ज्यादा देर तक कंटेक्ट लेंस का प्रयोग करने से आंखों में गंदगी, म्यूकस जमा होने लगती है। इस वजह से धुंधलापन होता है और आंखों में ड्राइनैस हो जाती है। अगर आपको चश्मे से सब साफ नहीं दिख रहा है, तो इसका मतलब है कि आपके कंटेक्ट लेंस गंदे हो चुके हैं। कोशिश करें कि लेंस को रोजाना साफ  करें या फिर जैसा आपके लेंस की बॉक्स पर लिखा है, उन निर्देशों का पालन करें।

आपकी कॉर्निया में स्क्रेच- कई बार ऐसा होता है कि हमारी आंखों को हम मलते हैं, जिससे सामने की सतह में स्क्रेच आ जाती है। हमें धुंधला दिखने लगता हैं और आंखें लाल हो जाती हैं। साथ ही आंखों में चुभन होने लगती है, जो हमें बेहद परेशान करती है। ऐसी स्थिति में तुरंत डाक्टर से सलाह लें, ताकि वह आपको एंटीबॉयोटिक आई ड्रॉप दे ,जिससे आंखों का इन्फेक्शन खत्म हो जाएं और आपको राहत मिले।

ब्लड प्रेशर की गोली का सेवन- महिलाएं ज्यादातर ड्राई आंखों से ग्रसित रहती हैं। डायबिटीज और अर्थराइटिस में आंखों की रोशनी कम होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको आंखों में जलन और पानी आने की समस्या हो रही हो, तो डाक्टर से सलाह लें।

ग्लूकोमा- यह सच है कि ग्लूकोमा ज्यादातर 50 या 60 साल के बाद ही होता है पर हमारी पीढ़ी में ग्लूकोमा बचपन से बुढ़ापे के बीच में कभी भी हो सकता है। आंखों से पानी बहने की समस्या से आंखों के अंदर प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे ऑप्टिक नर्व डैमेज हो सकती है। इसलिए हर दो साल पर आंखों का चैकअप जरूर कराएं।

आंखों की रोशनी बढ़ाने के कुछ उपाय-

आंखो से स्ट्रेस दूर करने के लिए अपनी दोनों हथेलियों को आपस में रगड़ें, जिससे गर्मी पैदा होगी। फिर आंखे बंद करके हथेलियों को आंखों पर रखें। ध्यान रहे आंखों पर हाथ रखने पर रोशनी बिलकुल न आए। दिन में ऐसा 3-4 बार करें। आंवले के पानी से आंखें धोने से या गुलाब जल डालने से आंखें स्वस्थ रहती हैं।

एक लीटर पानी को तांबे के जग में रात भर के लिए रख दें और सुबह उठकर इस पानी को पिएं। इससे आंखों को बहुत फायदा पहुंचता है। पैर के तलवों पर सरसों के तेल की मालिश करके सोएं। सुबह के समय नंगे पैर हरी घास पर चलें व नियमित रूप से अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें आंखों की कमजोरी दूर हो जाएगी। एक चम्मच सौंफ  दो बादाम और आधा चम्मच मिसरी पीस लें। इसे रोजाना रात को सोने से पहले एक गिलास दूध के साथ लें जीरे और मिसरी को बराबर मात्रा में पीस लें। इसे रोजाना एक चम्मच घी के साथ खाएं।


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