खेल ढांचे की संभाल का बंदोबस्त करे बजट

By: Feb 24th, 2017 12:02 am

भूपिंदर सिंह

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं

प्रदेश में विभिन्न खेलों के लिए कई अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्ले फील्ड बनकर तैयार हैं। दुखद यह कि उनके रखरखाव के लिए मैदान कर्मचारी तथा चौकीदार ही नहीं हैं। राज्य में बने खेल ढांचे के रखरखाव तथा उसमें उपयुक्त होने वाले उपकरणों की खरीद के लिए बजट में धन का प्रावधान हो...

हिमाचल प्रदेश में इस समय विभिन्न खेलों के लिए कई अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्ले फील्ड बनकर तैयार हो चुकी हैं। दुखद यह कि अधिकतर जगह उनके रखरखाव के लिए मैदान कर्मचारी तथा चौकीदार जैसी मूलभूत नौकरियां अब तक सृजित ही नहीं हो पाई हैं। करोड़ों रुपए से बनी इन अति आधुनिक प्ले फील्ड को लावारिस हालत में जब देखते हैं, तो खेल प्रेमियों को राज्य में खेलों के उपेक्षित होने का एहसास पक्का हो जाता है। ऊना तथा मंडी में तरणताल बने वर्षों हो चुके हैं। यहां पर न तो कोई प्रशिक्षक है और न ही कोई अन्य कर्मचारी। ऊना में हाकी के लिए एस्ट्रो टर्फ बिछा है, मगर उसके रखरखाव तथा उस पर पानी देने के लिए कोई भी ठोस व्यवस्था आज तक नहीं हो पाई है। धर्मशाला तथा हमीरपुर में सिथेंटिक ट्रैक बिछे हैं, मगर न तो कोई चौकीदार है और न ही अन्य कोई मैदान कर्मचारी। बेशक अनुबंध पर ही सही, इस समय राज्य की इन महत्त्वपूर्ण प्ले फील्ड पर बेहतर रखरखाव के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए बजट में प्रावधान करना होगा। राज्य में बने सिथेंटिक ट्रैकों के पास अभी तक वे खेल उपकरण ही नहीं हैं, जिनसे फील्ड की स्पर्धाएं आयोजित करवाई जाती हैं। जैसे हाई जंप तथा पोल वाल्ट के पिट की तरह की करीब दर्जन भर जरूरतें हैं। जब करोड़ों रुपए लगाकर ट्रैक बना दिए हैं तो उनमें कुछ लाख रुपए के उपकरण भी खरीद लेने चाहिएं, ताकि यहां पर अभ्यास के साथ-साथ एथलेटिक्स प्रतियोगिता भी आयोजित करवाई जा सके। दो वर्ष पूर्व जब उत्तर भारत स्तर की एथलेटिक्स प्रतियोगिता करवाई गई, तो यहां पर खेल उपकरण किराए पर पंजाब तथा दिल्ली से मंगवाए गए थे।

आखिर कब तक इन अव्यवस्थाओं को ढोया जाता रहेगा? अच्छा होगा कि इस बजट में सरकार हमीरपुर तथा धर्मशाला के ट्रैकों पर प्रयुक्त होने वाले जरूरी खेल उपकरणों की खरीद के लिए बजट में प्रावधान करे। इसके साथ-साथ राज्य में कई इंडोर हॉल हैं, वहां भी जरूरी खेल उपकरण उपलब्ध नहीं हैं। राज्य के किसी भी इंडोर स्टेडियम में वेट ट्रेनिंग सुविधा के लिए पूरा सामान नहीं है, जबकि हर खेल की कडींशनिंग के लिए वेट ट्रेनिंग बेहद जरूरी है। इसलिए राज्य के हर जिला में विभिन्न खेलों के खिलाडि़यों की कंडीशनिंग के लिए उच्च स्तरीय जिम तथा वेट ट्रेनिंग का सामान उपलब्ध हो। सरकार द्वारा इस सबके लिए भी इस बजट में धन का प्रावधान किया जाए। प्रदेश में पानी की खेलों के लिए भी असीम संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को परिणाम में बदलने के अब तक कई प्रयास शासन-प्रशासन के स्तर पर हुए भी हैं। इसी का नतीजा है कि यहां के युवा भी इन खेलों में खासी दिलचस्पी लेते हैं। इसके बावजूद कई खामियां इस खेल के विकास के मार्ग में रोड़े अटका रही हैं। इस समय राज्य में पानी के खेलों के लिए स्तरीय उपकरण उपलब्ध नहीं हैं, जबकि राज्य में पानी की खेलों के प्रशिक्षक भी नियुक्त हैं। हिमाचल आज तक बिना स्तरीय उपकरणों के पानी की खेलों में आगे नहीं बढ़ पाया है। इसलिए सरकार को चाहिए कि पानी की खेलों के लिए उपयोग में आने वाली नौका तथा अन्य उपकरणों की खरीद के लिए भी इस बजट में प्रावधान होना चाहिए।

पानी की खेलों के अलावा साहसिक खेल की भरपूर संभावनाएं यहां मौजूद हैं। राज्य में पैराग्लाइडिंग के लिए भी बहुत सी जगहों पर अच्छी साइटें हैं, जहां पैराग्लाइडर अभ्यास कर सकते हैं। बिलिंग इन्हीं में से एक है, जो कि आज पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व स्तर पर अपनी खास पहचान बना चुकी है। इसके अलावा भी प्रदेश में कई ऐसी साइटें हैं, जिन्हें पैराग्लाइडिंग के लिए विकसित किया जा सकता है। बीड़-बिलिंग की तरह इन स्थानों के विकास के लिए भी धन का प्रावधान पहले एक बार तो करना ही चाहिए। बाद में खेल पर्यटन से होने वाली आय से इसका रखरखाव किया जा सकता है। राज्य में बर्फ की खेलों के लिए भी अपार संभावनाएं हैं, मगर बर्फ की खेलों के लिए प्रयोग में आने वाले कपड़े तथा उपकरण बहुत महंगे होेते हैं। साधारण खिलाड़ी उनको नहीं खरीद सकता है। सरकार को चाहिए कि बर्फ की खेलों में प्रयुक्त होने वाले टेक तथा अन्य उपकरणों की खरीद के लिए भी इस बजट में धन का प्रावधान होना चाहिए, क्योंकि विंटर ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाली भारतीय टीम में आधे से ज्यादा तो हिमाचल के ही खिलाड़ी होते हैं। पैरा विश्व खेलों में भी कई हिमाचली खिलाड़ी इस बार शिरकत करने के लिए अभी हाल ही में मनाली के सोलंगनाला में अभ्यास करते देखे गए। राज्य में बने खेल ढांचे के रखरखाव तथा उसमें उपयुक्त होने वाले उपकरणों की खरीद के लिए बजट में धन का प्रावधान हो, यह राज्य की खेलों के लिए जरूरी है।

ई-मेल : penaltycorner007@rediffmail.com


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App