जिंदगी

By: Feb 6th, 2017 12:05 am

जिंदगी से हर बात शुरू होती है

जिंदगी पर ही हर बात खत्म हो जाती है।

क्यों न करें हम बात जिंदगी की

जिंदगी ही जिंदगी की हमराज हो जाती है।

मिलता है तोहफा नसीब से जिंदगी का

हर इन्सां के लिए जिंदगी सौगात हो जाती है।

रूई की तरह मुलायम है जिंदगी तो

कहीं चट्टान की तरह कठोर हो जाती है।

सिसकती है कहीं कोनों में चुपचाप तन्हा

कहीं फुटपाथों पर भूखी सो जाती है।

इस जंदगी का कहना ही क्या कभी

कांटों से भरी, कभी फूलों की लड़ी हो जाती है।

हर पल को जी लो जिंदगी के साथ वरना

पता भी नहीं चलता, वक्त की लहरों में कब यह खो जाती है।

आए हो जहां में तो, जिंदगी का जश्न मनाओ

जिंदादिली का नाम जिंदगी अपने नाम हो जाती है।

— वंदना राणा, सैट 3, टाइप 3, कैंडल लॉज, लौंगवुड, हिप्र


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