नफे की नर्सिंग

By: Feb 8th, 2017 12:20 am

डाक्टरों को दूसरा भगवान कहा जाता है क्योंकि मरीजों को स्वस्थ करने की जिम्मेदारी इन्हीं पर होती है, लेकिन इसमें नर्स की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता है। देखा जाए, तो मरीजों की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी इनके ऊपर ही होती है। तभी तो इन्हें सभी प्यार से सिस्टर्ज भी कहते हैं…

cereerचिकित्सा के क्षेत्र में महज डाक्टर और सर्जन ही शामिल नहीं होते, बल्कि इनके सहायक के तौर पर कई दूसरे लोग भी कार्य करते हैं। इन्हें भले ही डाक्टरों के सामने नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन वे डाक्टरों से कम सेवाभाव के साथ काम नहीं कर रहे होते। इस प्रकार के काम करने वालों के प्रोफेशन को पैरामेडिकल का नाम दिया जाता है। पैरामेडिकल की विविध शाखाओं में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, ऑडियोलॉजिस्ट एंड स्पीच थैरेपिस्ट, ऑप्टोमेट्रिस्ट, नर्सिंग, आपरेशन थियेटर सहायक इत्यादि का उल्लेख किया जा सकता है। मानव सेवा के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवकों और युवतियों के लिए नर्सिंग भी एक बहुत ही अच्छा करियर है। नर्सिंग दुनिया का सबसे ज्यादा सेवामयी पेशा है। मेडिकल का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां नर्सों की जरूरत न होती हो। यदि आपमें भी सेवा करने का जज्बा है तो इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। डाक्टरों को दूसरा भगवान कहा जाता है, क्योंकि मरीजों को स्वस्थ करने की जिम्मेदारी इन्हीं पर होती है, लेकिन इसमें नर्स की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता है। देखा जाए तो मरीजों की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी इनके ऊपर ही होती है। तभी तो इन्हें सभी प्यार से सिस्टर्ज भी कहते हैं। पहले यह माना जाता था कि आईटी प्रबंधन आदि से जुड़े लोग ही विकसित देशों में जॉब कर सकते हैं, लेकिन अब परिदृश्य तेजी से बदलने लगा है। अमरीका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में भी नर्सिंग के लिए अनंत संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं। आज जितनी तेजी से हैल्थकेयर सेंटर का विकास हो रहा है, इससे इस क्षेत्र में जॉब की असीम संभावनाएं खुलने लगी हैं।

प्रोफेशन के रूप में कैसा है यह क्षेत्र

हैल्थ फिटनेस के प्रति बढ़ती जागरूकता के मद्देनजर नर्सिंग प्रोफेशनल्स के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है। ऐसे बहुत से प्रोफेशन हैं, जो सीधे-सीधे सेवा, सत्कार एवं देखभाल से जुड़े हुए हैं। नर्सिंग सेवा का सामाजिक अनुबंध होता है, जिसमें जीवन की रक्षा के गंभीर उत्तरदायित्व शामिल होते हैं। सभी देशों में नर्सिंग कार्य प्रणाली के बारे में मौखिक या लिखित रूप में कुछ नियम-कानून बनाए गए हैं, जिनका राष्ट्र या राज्य स्तर पर नियमन किया जाता है। धैर्य एवं अनुशासन के दायरे में रहते हुए नर्स को टीम भावना के तहत काम करना होता है। डाक्टरों की भांति यह काम भी परिश्रम और समर्पण की मांग करता है। मरीजों की देखभाल को न सिर्फ  ड्यूटी, बल्कि आत्मिक रूप से भी स्वीकार करने की जरूरत होती है। इसमें देर रात तक जाग कर मरीजों की देखभाल करना भी शामिल होता है।

सेवा है इनकी पहचान

सेवा ही इनकी पहचान है। जिस प्रकार एक मां अपने बीमार बच्चे की देखभाल करती है, ठीक उसी प्रकार नर्स मां के रूप में काम करती है, लेकिन इन्हें सिस्टर कहने का प्रचलन है। आज के हैल्थ केयर सिस्टम में नर्सें महत्त्वपूर्ण जीवनदायिनी की भूमिका निभा रही हैं। दरअसल ये मरीज की शारीरिक पीड़ा को अच्छी तरह समझ कर उन्हें बीमारियों से लड़ने का एक मानसिक जज्बा भी देती हैं। एम्स में काम करने वाले डाक्टर अविनाश गुप्ता कहते हैं कि किसी मरीज को ठीक करने में नर्सों का योगदान 60 प्रतिशत और डाक्टर का योगदान केवल 40 प्रतिशत होता है। जो लड़कियां या लड़के सोशल वर्क को करियर के रूप में अपनाना चाहते हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन करियर साबित हो सकता है। आजकल जितनी तेजी से हैल्थकेयर सेंटरों का विकास हो रहा है, इससे असीम संभावनाओं के द्वार खुलने लगे हैं। एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ भारत में 2018 तक करीब दस लाख से अधिक प्रशिक्षित नर्सों की जरूरत होगी।

सेना में अवसर

सेना में नर्सिंग की अपार संभावनाएं हैं। सेना में नर्सों के लिए जवानों की सेवा का मौका है, तो एक सुरक्षित भविष्य  भी मिलता है। सेना में अच्छे वेतनमान के साथ- साथ और भी कई सुविधाएं मिलती हैं। जन सेवा के साथ देश सेवा का भी सेना में नर्सिंग में जाने से मौका मिलता है। सेना में सीनियोरिटी के साथ वेतन भी बढ़ता है और प्रोमोशन के भी बेहतर अवसर उपलब्ध हैं। सेना में आप अनुशासनिक तरीके से अपनी सेवाएं देते हुए अपने कार्य को अंजाम दे सकती हैं। देश सेवा का बेहतर मौका इसके सिवाय नहीं हो सकता है कि आप देश के जवानों की सेवा करें।

कोर्स की रूपरेखा

नर्सिंग के क्षेत्र में डिप्लोमाए अंडर ग्रेजुएट एवं सर्टिफिकेट आदि कई तरह के कोर्स होते हैं, जिनमें से छात्र अपनी योग्यता और रुचि के अनुसार चुनाव कर सकते हैं। नर्सिंग में बीएससी करने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन का कोर्स भी किया जा सकता है। इसके तहत डाइटेटिक्स, कार्डियोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिक्स, ऑप्थेल्मोलॉजी, आर्थोपिडिक्स आदि विभिन्न क्षेत्रों में से किसी में भी विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है। पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद इस क्षेत्र में एमफिल और पीएचडी करने की भी सुविधा रहती है। अधिकांश अच्छे संस्थानों में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर लिया जाता है। हां, योग्यता संबंधी न्यूनतम अंकों के प्रतिशत में संस्थान के अनुसार भिन्नता हो सकती है।

किस कोर्स की क्या है योग्यता

एएनएम या हैल्थ वर्कर- इसके लिए योग्यता के रूप में अभ्यर्थी का 10वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। इस कोर्स की अवधि 18 माह की होती है।

जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) – इस कोर्स के लिए अभ्यर्थी को 12वीं कक्षा में भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान विषय के साथ 40 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। इस कोर्स की अवधि साढ़े तीन साल की होती है।

बीएससी इन नर्सिंग (बेसिक)- इसके लिए 12वीं में भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान के साथ 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। इस कोर्स की अवधि 4 साल की होती है।

बीएससी इन नर्सिंग (पोस्ट बेसिक) – इस दो वर्ष की अवधि के कोर्स के लिए 12वीं के साथ-साथ जीएनएम की डिग्री भी होनी चाहिए। यदि 12वीं और जीएनएम के साथ कम से कम 2 साल का अनुभव भी हो तो इसे दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से 3 वर्षों में भी पूरा किया जा सकता है।

एमएससी इन नर्सिंग – नर्सिंग में एमएससी करने के लिए नर्सिंग में 55 प्रतिशत अंकों के साथ बीएससी की डिग्री के साथ-साथ एक साल का अनुभव भी आवश्यक है। इस कोर्स की अवधि 2 साल होती है।

जॉब आप्शन

आप 10वीं और 12वीं करने के बाद भी नर्सिंग के कोर्स में दाखिला ले सकती हैं। इस कोर्स की सफलतापूर्वक समाप्ति के बाद आपके लिए जॉब के कई रास्ते खुल जाते हैं। दरअसल, इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए आज जॉब की कोई कमी नहीं है। आप हास्पिटल, नर्सिंग होम्स, क्लीनिक और हैल्थ डिपार्टमेंट, ओल्ड एज होम्स, मिलिट्री हैल्थ सर्विस स्कूल्स, रेलवे, पब्लिक सेक्टर मेडिकल डिपार्टमेट आदि में कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा, आप के लिए साइकिएट्रिक नर्स (इमोशनल और साइकोलॉजिकल मरीज की देखभाल) पिडियाट्रिक नर्स (छोटे बीमार बच्चों की सेवा) और आर्थोपेडिक नर्स के रूप में भी कार्य करने के अवसर मौजूद हैं। नर्सिंग का कोर्स करने के बाद आप के लिए अवसरों के द्वार खुल जाते हैं।

विदेश में अवसर

यदि आप इस क्षेत्र से जुड़ी हैं, तो आज यूरोपियन कंट्री, आस्ट्रेलिया, अमरीका और गल्फ  कंट्री में जॉब की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। साथ ही इन देशों में आकर्षक सैलरी पैकेज के साथ ओवरटाइम भी मिलता है। यही वजह है कि भारतीय नर्स विदेश का रुख करने लगी हैं। लेकिन यूरोप और अमरीका जाने के लिए सीजीएफएनएस (कमीशन ऑफ  ग्रेजुएट ऑफ  फॉरेन नर्सिंग स्कूल) टीओईएफएल (टेस्ट ऑफ  इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज) टीडब्ल्यूई (टेस्ट ऑफ  रिटन इंग्लिश) और टीएसई (टेस्ट ऑफ  स्पोकन इंग्लिश) के एग्जाम के दौर से होकर गुजरना पड़ सकता है। यदि आप अमरीका में यह जॉब करना चाहती हैं, तो सीजीएफएनएस एग्जाम को क्वालिफाई करना जरूरी होता है। किंतु इसके लिए देश में दो ही सेंटर बंगलूर और कोच्चि में हैं, जहां से सीजीएफएनएस सर्टिफिकेशन प्रोग्राम कर सकते हैं। विदेशों में इस जॉब का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन नेशनल हैल्थ सर्विस ही प्रतिवर्ष एक हजार से अधिक भारतीय नर्स को रिक्रूट करती है। कुल मिलाकर देश में ही नही, बल्कि विदेशों में भी नर्सिंग से जुड़े लोगों के लिए बल्ले-बल्ले वाली स्थिति है।

वेतनमान

नर्स की सैलरी उसकी योग्यता और अनुभव पर भी निर्भर करती है। सरकारी हास्पिटलों में सैलरी 15 से 20 हजार रुपए के करीब हो सकती है, लेकिन प्राइवेट और मिलिट्री सर्विस में कार्य करने वालों की सैलरी और सुविधाएं कुछ अधिक होती हैं। विदेशों में सेवा करने पर तो सैलरी पैकेज लाखों में हो जाता है।

शर्त यह भी

नर्सिंग के क्षेत्र में एक खास शर्त लगाई गई है। इस करियर में अविवाहित युवतियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाती है। नर्सिंग पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद वे विवाह करने हेतु स्वतंत्र है। अविवाहित होने की शर्त प्रशिक्षण से पहले तक ही लागू होती है।

प्रमुख संस्थान

* इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज, शिमला (हिप्र)

* टांडा मेडिकल कालेज, कांगड़ा (हिप्र)

* अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, कालेज ऑफ  नर्सिंग, नई दिल्ली

* डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, स्कूल ऑफ  नर्सिंग, नई दिल्ली

* जामिया हमदर्द कालेज ऑफ  नर्सिंग, नई दिल्ली

* वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज एंड सफदरजंग हास्पिटल, नई दिल्ली

* मौलाना आजाद मेडिकल कालेज नई दिल्ली

* छत्रपति साहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ

* इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, बीएचयू, वाराणसी

* एम्स कालेज ऑफ  नर्सिंग, नई दिल्ली

* क्रिश्चियन मेडिकल कालेज, लुधियाना (पंजाब)


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