परीक्षण के बाद बागबानों को बांटे जा रहे रूट स्टॉक

By: Feb 16th, 2017 12:05 am

शिमला – मुख्य संसदीय सचिव एवं जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक रोहित ठाकुर ने पूर्व बागबानी मंत्री नरेंद्र बरागटा के उस बयान को हास्यास्पद बताया है, जिसमें उन्होंने बागबानी निदेशालय के समक्ष धरना देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बरागटा को क्षेत्र में हो रहा विकास रास नहीं आ रहा है, जिसके चलते वह बौखलाहट में दिखाई दे रहे हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि सेब बाहुल्य क्षेत्र से संबंध रखने वाले नरेंद्र बरागटा दस वर्षों के लंबे कार्यकाल तक बागबानी मंत्री रहे हैं और क्षेत्र के लिए कोई विशेष उपलब्धि नहीं कर पाए, जो मंत्री के नाते जनता को उनसे अपेक्षित थी। उल्टे अनेक बागबान विरोधी फैसले उन्होंने अपने कार्यकाल में लिए। रोहित ठाकुर ने कहा कि इटली से आयातित लगभग 2.15 लाख सेब के पौधों में वायरस पाए जाने की बात को वैज्ञानिकों ने बागीचों की जांच के बाद नकार दिया है और इस बारे में बार-बार स्पष्टीकरण के बावजूद भाजपा से जुड़े लोग दुष्प्रचार कर बागबानों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। विदेश से पौधे आयात करने से पूर्व नर्सरी में वैज्ञानिकों द्वारा इनका परीक्षण किया गया था। उसके पश्चात मुम्बई में कृषि मंत्रालय के क्वारेंटाइन डिवीजन द्वारा इसकी बारिकी से जांच की गई और पौधे परवाणु पहुंचने पर दोबारा इनकी जांच की गई और एक वर्ष तक पौधों को ऑबजर्वेशन में रखा गया और पौधे पूरी तरह से स्वस्थ थे, उसके बाद ही इनका वितरण किया गया। उन्होंने बरागटा को इस तरह से लोगों को गुमराह करने वाली राजनीति को बंद करने की सलाह देते हुए कहा कि वह जनता के बीच पूरी तरह से बेनकाव व अनावृत हो चुके हैं और इस प्रकार से गुमराह करने की कोशिश का परिणाम वह पिछले चुनावों में भुगत चुके हैं। उन्होंने कहा कि गुम्मा का गत्ता उद्योग जो उनके अपने चुनाव क्षेत्र में था, जिसे कबाड़ के भाव में बेचा गया, जो क्षेत्र के बागबानों से बड़ा अन्याय व विश्वासघात था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने वर्ष 2000 में शैंपेन फैक्ट्री की आधारशिला रखी थी। प्रगति नगर व नगवांई में 100 बीघा भूमि इंडेज कंपनी को शैंपेन बनाने के लिए दी गई थी। दूसरे कार्यकाल में भाजपा ने केंचुआ खाद बनाने की बात कही। रामदेव को साधुपुल में जमीन पतंजलि एचपीएमसी से जूस कंस्ट्रेट खरीदेने के लिए दी गई, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। नालागढ़-बद्दी आधारित पायनियर इंडस्ट्री से घटिया किस्म के फंफूदनाशक व कीटनाशक भाजपा सरकार ने बागबानों को दिलाई थी। उन्होंने कहा कि पूर्व बागबानी मंत्री जो एपिडा के एकमात्र निदेशक हैं, ने खड़ापत्थर, पतलीकूहल तथा चुराग के लिए पूर्व स्वीकृत तीन सीए स्टोरों को बंद करवा दिया, जिससे बागबानी उत्पादों को बड़ा नुकसान हुआ है। रोहित ठाकुर ने कहा कि सबसे बड़ा आरोप लगाया कि बागबानों को जमीनें देने का प्रलोभन देकर 1.67 लाख लोगों से शपथपत्र ले लिए, जिसके बाद भोले-भाले किसानों व बागबानों पर बेदखली की तलवार लटकी हुई है, लेकिन आज कांग्रेस सरकार लघु व मध्यम किसानों-बागबानों के लिए नीति बना रही है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App