प्रकृति संरक्षण के बिना समाज का अस्तित्त्व नहीं
शूलिनी विश्वविद्यालय में सम्मेलन के दौरान देश भर के वैज्ञानिकों ने साझा किए विचार
सोलन — शूलिनी विश्वविद्यालय के बेसिक विज्ञान संकाय द्वारा आयोजित ‘पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन’ विषय पर आधारित राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ गुरुवार को किया गया। दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में मेवार विश्वविद्यालय, पंजाब एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय, हरियाणा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय, श्रीनगर विश्वविद्यालय और इंडियन मिलिट्री अकादमी के शिक्षकों के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से 200 से अधिक वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। इस मौके पर शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीके खोसला मुख्यातिथि रहे। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के प्रो. एपी विग इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर रहे। प्रो. खोसला ने सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि हम सब पर्यावरण के बचाव के लिए बहुत सी नीतियां और रिसर्च पेपर लिखते हैं, परंतु क्या हम सब इन पर अमल करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह ध्यान में रखना होगा कि हमारे समाज का प्रकृति के संरक्षण के बिना कोई अस्तित्व नहीं है। उन्होंने भाग ले रहे प्रतिभागियों को सुझाव देते हुए कहा कि इनसानों को प्रकृति के लिए अपनी निभाई जाने वाली भूमिका पर काम करना होगा। सम्मेलन में पहले लेक्चर में प्रो. विग ने कचरा प्रबंधन (सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट) विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रकृति प्रबंधन और उसका आधुनिक सहायता में महत्त्व पर भी अपने विचार रखे। सम्मेलन के अध्यक्ष व बेसिक विज्ञान के डीन प्रो. दीपक पठानिया ने इस मौके पर जैव विविधता और इसके संरक्षण पर अपने विचार साझा किए। इस मौके पर सरोज खोसला, डा. जेएम जुलका, सम्मेलन के संरक्षक डा. राजेश शर्मा और अन्य वरिष्ठ सदस्य मौजूद रहे।
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