सिनेमा में पहली बार – भाग 25
बालीवुड की फिल्में आमतौर पर शुक्रवार को ही रिलीज क्यों होती हैं
शुक्रवार को फिल्में रिलीज करने की परंपरा हालीवुड से आई है। अमरीका में हफ्ते में काम करने का आखिरी दिन शुक्रवार होता है। उसी दिन साप्ताहिक वेतन मिलता है। दो दिन के वीकेंड का लुत्फ लेने का एक तरीका फिल्में देखना भी है। शनिवार और एतवार को अच्छी कमाई हो जाती है। भारत में हर जगह शुक्रवार को ही फिल्में रिलीज नहीं होतीं। जानकारी के अनुसार लखनऊ में नई फिल्म गुरुवार को लगती हैं।
फिल्मों में केमियो रोल किसे कहते हैं
केमियो रोल किसी महत्त्वपूर्ण व्यक्ति या कलाकार का एकदम छोटी भूमिका में आना है। कई बार संवाद भी नहीं बोला जाता। जैसे लालू प्रसाद यादव फिल्म पद्मश्री लालू प्रसाद यादव में दिखाई पड़े थे। ऐसी ही एक भूमिका दीपिका पादुकोण ने फिल्म बिल्लू में की थी। किशोर साहू ने फिल्म ‘गाइड’ में, प्रिटि जिंटा ने फिल्म ‘दिल से’ में की। ‘शोले’ में असरानी और फिल्म आनंद में जॉनी वॉकर के केमियो रोल हमेशा याद रहेंगे।
भारतीय सिनेमा में पहला डबल रोल किसने किया
अन्ना सालंके ने 1917 में बनी फाल्के की फिल्म ‘लंका दहन’ में राम और सीता दोनों के रोल किए। सन् 1933 में बनी फिल्म विट्ठल की आवारा शाहजादा में साहू मोदक ने राजकुमार और भिखारी की भूमिका डबल रोल में की।
प्रथम ऑस्कर फॉर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड विजेता सत्यजीत रे
अपने जीवनकाल में लगभग 36 से ज्यादा फिल्मों का निर्देशन करने वाले सत्यजीत रे प्रथम भारतीय थे, जिन्हें ‘ऑस्कर फॉर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। सत्यजीत रे की पहली फिल्म ‘पथेर पांचाली’ थी तथा पहली रंगीन फिल्म ‘कांच’ थी। 2 मई,1921 को कोलकाता में जन्मे सत्यजीत रे को वर्ष 1992 में भारत रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। फिल्मी जगत में सत्यजीत रे का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
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