सीपीडब्ल्यूडी न बने सरकारी उपक्रम

By: Feb 24th, 2017 12:01 am

कर्मचारियों में रोष, केंद्र के खिलाफ आंदोलन को तैयार

 शिमला — केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को सरकारी उपक्रम बनाए जाने को लेकर कर्मचारियों व अधिकारियों में रोष है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी व अधिकारी इस मसले को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन को और उग्र करने की तैयारी कर रहे हैं। सीपीडब्ल्यूडी आफिस स्टाफ एसोसिएशन के प्रधान पीसी शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार विभाग को सरकारी उपक्रम में बदलना चाह रही है। इस बारे में गत अक्तूबर माह में सचिवों के समूह ने अपनी संस्तुतियां सरकार को दी थीं। इसके बाद सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। कर्मचारियों-अधिकारियों ने कहा कि सरकार इसका कारपोरेटाइजेशन कर इसे तहस-नहस करने में जुटी है। कर्मचारी एसोसिएशन का कहना है कि यह एक ऐसा विभाग है, जो कि देश के लोगों को नो प्रोफिट व नो लॉस पर अपनी सेवाएं दे रहा है। अपने आस्तित्व के करीब 163 साल पूरे कर चुका यह विभाग दुर्गम इलाकों में भी अपनी सेवाएं दे रहा है, जहां और दूसरे विभाग काम नहीं करना चाहते। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि इस विभाग ने देश को अपनी बहुमूल्य सेवाएं दी हैं और अब सरकार इसको सरकारी उपक्रम में बदलकर कर्मचारियों और अधिकारियों को सड़क पर ला रही है। उनका मानना है कि इस विभाग से सरकार द्वारा यह उम्मीद करना कि यह प्रोफिट कमाएगा, आम लोगों पर भी बोझ डालने जैसा है। यह न तो उनके हित में है और न ही देश के हित में है। उनका यह मानना है कि यह संभव नहीं है कि वह सात से 10 फीसदी सर्विस चार्ज लगाकर लोगों से वसूली करे। वैसे भी सरकार के बाकी उपक्रमों की क्या हालत है, यह भी सब जानते हैं। केंद्र सरकार अपने उपक्रमों का विनिवेश करने पर तुली है। एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि यदि सरकार ने अपने इस फैसले पर दोबारा से विचार नहीं किया तो कर्मचारी और अधिकारी अपना आंदोलन और भी उग्र करेंगे।


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