अंतरिक्ष यान की निगरानी करेगी परमाणु घड़ी
अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा इस साल के आखिर तक नई पीढ़ी की एक अत्याधुनिक अटॉमिक घड़ी अंतरिक्ष में भेजेगी। यह घड़ी भविष्य में मानवीय खोजों को सुरक्षित रूप से नैविगेट करने के लिए अहम होगी। नासा ने बताया कि यह घड़ी छोटी और हल्की होगी। साथ ही यह अटॉमिक घड़ी अंतरिक्ष में भेजी गई किसी अन्य घड़ी की तुलना में सबसे ज्यादा महंगी भी होगी। गहरे अंतरिक्ष में भेजी जाने वाली इस घड़ी का निर्माण नासा की कैलिफोर्निया में जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी (जेपीएल) में किया गया है। पिछले महीने जेपीएल के इंजीनियरों ने एक टेस्ट स्पेसक्रॉफ्ट में इस घड़ी की अंतरिक्ष में अनुकूलन के संबंध में जांच की थी। इस साल के अंत में इस घड़ी को अंतरिक्ष में भेजे जाने की योजना है। ज्यादातर स्पेसक्रॉफ्टों की टू-वे प्रणाली से निगरानी की जाती है। इसके तहत जमीन पर मौजूद ऐंटेना स्पेसक्रॉफ्ट में पिंग करता है और फिर उसके सिग्नल के रिटर्न होने का इंतजार करता है। सिग्नल आने में जितना वक्त लगता है, उसी से स्पेसक्रॉफ्ट की दूरी का अंदाजा लगाया जाता है। इसके बाद एक नेविगेशन टीम ने कुछ अन्य सूचनाओं पर काम करना शुरू किया, ताकि स्पेसक्रॉफ्ट की पथ को किसी अन्य तरीके से निगरानी की जा सके और उसमें सुधार किया जा सके। नासा ने कहा कि अटॉमिक घड़ी से वन-वे ट्रैकिंग हो सकेगी। इसमें स्पेसक्रॉफ्ट को धरती पर सिग्नल भेजने की जरूरत नहीं होगी। ट्रैकिंग की माप स्पेसक्रॉफ्ट के अंदर से ही हो जाएगी। इससे भविष्य में मानवीय खोजों को करने के लिए एक बेहतर नैविगेटिंग सिस्टम मिलेगा।
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