कार्बन कॉपी की शुरुआत कब, क्यों और किसलिए हुई।

By: Mar 26th, 2017 12:05 am

कार्बन कॉपी का मतलब है किसी दस्तावेज को तैयार करते वक्त उसके नीचे कार्बन पेपर लगाकर उसकी एक और प्रति तैयार करना। कार्बन का आविष्कार एक दौर तक दुनिया का महत्त्वपूर्ण आविष्कार था और उस जमाने में कार्बन पेपर को, जिसे कार्बोनेटेड पेपर भी कहते थे, स्टेशनरी में सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान मिला हुआ था। हाथ से लिखने में और बाद में टाइपराइटर के इस्तेमाल के कारण कार्बन पेपर ने कम से कम दो सदी तक दुनिया पर राज किया। इस पेपर का आविष्कार इंग्लैंड के रैल्फ वैजवुड ने किया था। इसके लिए उन्होंने सन् 1806 में पेटेंट हासिल किया था। उन्होंने इस पेपर को स्टाइलोग्रैफिक राइटर कहा। सन् 1808 में इटली के पैलेग्रीनो तुर्री ने टाइपराइटिंग मशीन की ईजाद कर ली थी। उन्होंने और वैजवुड ने भी नेत्रहीनों की लिखने में मदद करने के लिए इस तरह के कागज को बनाया था, जो बाद में दस्तावेजों की प्रतियां बनाने के काम में आया। कागज के एक तरफ  स्याही लगाकर उसे सुखाया।   तकरीबन यह योजना टाइपिंग मशीन में थी। पैलेग्रीनो तुर्री की प्रेमिका युवावस्था में किसी कारण से अपनी आंखें खो बैठी थीं। उसकी मदद करने के प्रयास में यह मशीन बनी। इस प्रक्रिया में कार्बन पेपर भी तैयार हो गया।


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