डरें नहीं, दस का सिक्का असली है

By: Mar 30th, 2017 12:05 am

नगरोटा बगवां  —  दस्सां दा सिक्का नी चलना भाऊ नोट ही दे। इस तरह के जुमले इन दिनों हर दुकान, बाजार व बसों आदि में भी सुनने को आम मिल रहे हैं । खुले बाजार में दस रुपएके दो तरह के सिक्कों के आने से हर कोई फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। अफवाहों का बाजार गर्म होते ही बहुतायत में आम प्रचलन में आ चुके इन सिक्कों की वजह से चाहे कारोबारी हों, चाहे यात्री बसों के परिचालक, यहां तक कि भिखारी भी अब दस के सिक्कों से परहेज करने लगे हैं।  दो प्रकार के  सिक्कों में मामूली अंतर बना हुआ है, लेकिन साधारण दृष्टि में दोनों में अंतर कर पाना कठिन है। उधर बैंकों के पास भी कोई ऐसे दिशा-निर्देश नहीं हैं, जिसके आधार पर किसी सिक्के को नकली करार दिया जा सके। सूत्र बताते हैं कि जिन बैंकों के पास करंसी चेस्ट नहीं है, वे सिक्के रखने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इसके बावजूद जन सुविधा प्रदान करने हेतु कई बैंक यह सेवा भी उपलब्ध करवा रहे हैं। जानकर बताते हैं कि आरबीआई ने भी नकली सिक्कों को चिन्हित नहीं किया है तथा सिक्कों में दिखाई देने वाला अंतर अलग-अलग वर्ष में छपाई के दौरान किए गए परिवर्तन का नतीजा हो सकता है। बारीकी से पड़ताल में यह सामने आया कि दस के  एक सिक्के की एक और धातु के ही 10 निशान बने हुए हैं, जबकि दूसरे में यही 15 हैं। एक सिक्के की दूसरी ओर भारत का चिन्ह बड़े आकार में चित्रित है, जबकि दूसरे में यही आकार छोटा तथा ऊपर नीचे से दो लाइनों में कटा हुआ है । इस बाबत जब क्षेत्र के कुछ नामी बैंकों से पुष्टि करनी चाही, तो उन्होंने अपने पास उपलब्ध निर्देशों के आभाव में किसी भी सिक्के को नकली घोषित करने से साफ इनकार किया। इस बाबत ‘दिव्य हिमाचल’ ने चंडीगढ़ स्थित आरबीआई कार्यालय से पुष्टि चाही, तो उन्होंने भी सिक्के के नकली होने से इनकार किया।

कोई भी सिक्का बंद नहीं

नगरोटा सूरियां,नंदपुर भटोली – नगरोटा सूरियां स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक ने कहा है कि कोई भी सिक्का बंद नहीं है। सभी सिक्के चल रहे हैं। यदि कोई दुकानदार इन सिक्कों को नहीं लेता, तो इसकी शिकायत आरबीआई को दें। उधर, पंजाब नेंशनल बैंक के मैनेजर प्रीतम चंद व कांगड़ा को-आपरेटिव बैंक के मैनेजर विनोद चौधरी ने बताया कि हमारे बैंकों द्वारा 10 रुपए के सिक्कों का नियमित रूप से लेन-देन किया जा रहा है और न ही हमारे पास कोई नकली सिक्के का मामला सामने आया है।

लोग चिंता न करें

कोटला – एक हजार और पांच सौ रुपए के नोटों के बाद अब क्षेत्र के दुकानदारों एवं बस कंडक्टरों द्वारा दस रुपए के सिक्के न लेने से आम जनता में हड़कंप मचा हुआ है। दस रुपए के सिक्के लेने से मना करने का कारण अफवाह है या सही में ये सिक्के जाली हैं। इसका किसी के भी पास ठोस जवाब नहीं है। सिर्फ सिक्के पर अंकित लाइनों व अंकित दस के आकार को लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में कोई सर्कुलर बैंकों को जारी नहीं किया है और न ही बैंकों में जाली सिक्कों का मामला प्रकाश में आया है। बैंक प्रबंधन इसे एकमात्र अफवाह करार कह रहे हैं।


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