धर्मशाला के आर्यमन की लेखनी बेमिसाल
धर्मशाला— धर्मशाला शहर से संबंध रखने वाले आर्यमन महाजन ने महज 12 वर्ष की उम्र में अंग्रेजी भाषा में द यंग डिटेक्टिव नामक किताब लिखी है। लेखक ने इस किताब में दैनिक जीवन में आध्यात्मिकता के महत्त्व पर जोर दिया है। यह किताब एक युवा जासूस के द्वारा जैविक युद्ध से एक शहर को बचाने की कोशिश की कड़ी मेहनत के बारे में बोलती है। अंग्रेजी भाषा में लिखी इस किताब में 300 पृष्ठ हैं। इस किताब को संयुक्त राष्ट्र अमरीका व भारत के प्रकाशकों ने स्वीकार कर लिया है। अमरीका में द यंग डिटेक्टिव किताब की बिक्री भी शुरु कर दी गई है। आर्यमान धर्मशाला के सेके्रट हार्ट पब्लिक स्कूल में आठवीं कक्षा में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। आर्यमन बचपन से ही देश व विदेश के लेखकों की किताबें पढ़ने में विशेष रुचि रखते हैं। आर्यमन ने पिछले वर्ष जुलाई माह में इस किताब को लिखना शुरु किया और मार्च 2017 में इस किताब को लिख कर पूरा कर दिया। उनके परिवार में दादा दादी स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हैं। पिता आशीष महाजन जोनल अस्पताल धर्मशाला और माता इशमप्रीत महाजन डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज में बतौर चिकित्सक अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
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