राजा मान सिंह ने 1700 ई. में बनाया गोंदला किला

By: Mar 15th, 2017 12:05 am

गोंदला का मुख्य आकर्षण गोंदला के ठाकुर का घर है, जिसे गोंदला गढ़ या किला कहा गया है। जिला के गजटीयर के अनुसार इसका निर्माण कुल्लू के राजा मान सिंह द्वारा 1700 ई. में किया गया था, जिसका प्रभाव बारालाचा-ला से परे लिंगती के मैदानों तक फैला हुआ था…

गोंदला

गोंदला चंद्रा नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। मुख्य आकर्षण गोंदला के ठाकुर का घर है, जिसे गोंदला गढ़ या किला कहा गया है। जिला के गजटीयर के अनुसार इसका निर्माण कुल्लू के राजा मान सिंह द्वारा 1700 ई. में किया गया था, जिसका प्रभाव बारालाचा-ला से परे लिंगती के मैदानों तक फैला हुआ था। परंतु आखिरी ठाकुर फतेह चंद ने 1990 ई. में बताया कि यह बीस पीढि़यां पुराना है। यह भवन आठ मंजिला है। कुल्लू के राजा मान सिंह वहां त्रिलोकीनाथ मंदिर को जाते हुए  1720 ई. में ठहरे थे। अतीत के अवशेष वहां आज भी पड़े हैं। अति प्राचीन वस्त्र, फर्नीचर और बुत आपेक्षित रूप में बिखरे पड़े हैं। शराब राल्दी,अर्थात बुद्धिमता की तलवार जो ठाकुर को दलाईलामा द्वारा अतीत में दी गई थी, फतेह चंद ठाकुर के कब्जे में है। यह तलवार स्पेन की टोलडो तकनीक द्वारा बनाई गई दिखाई देती है। वहां आदम कद से बड़ी एक चट्टान है, जिसमें कुछ देवताओं की आकृतियां कुरेदी गई हैं। स्थानीय लोग इसका संबंध महान काव्य महाभारत के पांडवों से दर्शाते हैं। परंतु ये आकृतियां बौद्ध देवताओं से मेल खाती हैं। जुलाई के महीने में यहां एक मेला लगता है जिसमें लामा नाचते और आनंद मनाते हैं। यह मेला बहुत से अभ्यागतों को आकर्षित करता है।

इमर्सन गृह

भिन्न रूप से दिखने वाला इमर्सन हाउस भवन स्लेट की छतों से युक्त , शीशे लगे मोड़दार लकड़ी के बरामदे और ऊंचे कमरे मंडी  नगर को  एक स्पष्ट आभा प्रदान करते हैं, जो अन्यथा नगर भर में कंकरीट के जंगलों के कारण खोती जा रही है। मंदिरों के नगर के दिल में बने हुए 97 वर्ष पुराने इमर्सन हाउस भवन को जीवन का एक नया पट्टा प्रदान किया गया है, क्योंकि इसे शिमला गेयटी थियेटर की तर्ज पर स्लेट की छतों की पहाड़ी शैली को पुनर्जीवित किया गया है। उद्देश्य के लिए लोक निर्माण विभाग ने 2012 ई. में इस के लिए 34 लाख रुपए दिए थे। यह भवन कुछ सरकारी विभागों और एक रेस्टोरेंट के अधीन था। कला, संस्कृति और भाषा विभाग ने एक कमेटी का गठन किया और इसको सुरक्षित रखने के कार्य की संस्तुति की।

धौला कुआं

यह जिला सिरमौर में विशाल व विस्तृत फैले बागीचों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें नींबू प्रजाति के पौधे, फल विधायन कारखाने, विभिन्न प्रकार के जूस, जैम, अचार और डिब्बा बंद उत्पाद शामिल हैं। धौला कुआं से थोड़ी दूरी पर कटासन देवी का मंदिर है, जो लोगों की आस्था का प्रसिद्ध केंद्र है।


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