स्वीडन में भी है बेरोजगारी भत्ता

By: Mar 27th, 2017 12:05 am

(डा. चिरंजीत परमार, फल वैज्ञानिक, मंडी)

हिमाचल सरकार ने अभी कुछ दिन पहले ही युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की है। यह निर्णय सही है या गलत, इस बारे में मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। यह काफी विवाद का विषय है। हां, स्वीडन में सरकार द्वारा दिए जाने वाले इस किस्म के भत्ते के बारे में यहां कुछ बातें बताना चाहूंगा। वहां कानूनन अपराध होने के कारण वहां 18 साल की उम्र से पहले कोई नौकरी नहीं कर सकता था। जैसे ही कोई 18 साल का होता, वह नौकरी का हकदार हो जाता। अगर वह आगे पढ़ने के बजाय नौकरी करना चाहता, तो सरकार को उसे 15 दिन के भीतर नौकरी देनी पड़ती। अगर ऐसा नहीं होता तो वह बेरोजगारी भत्ते का हकदार हो जाता और उसे यह भत्ता मिलना शुरू हो जाता। भत्ते की रकम काफी होती थी। वहां मिलने वाले न्यूनतम वेतन से थोड़ी ही कम। इसमें कुछ शर्तें भी थीं, जिससे आसानी से इसका दुरुपयोग नहीं हो सकता था। आपको जो भी काम दिया जाता था, वह करना ही पड़ता था और जहां भी काम दिया जाता, वहां जाना पड़ता था। वहां यूनिवर्सिटी में मेरी एक सहयोगी महिला वैज्ञानिक का पति शराब की सरकारी दुकान में सेल्जमैन था। हालांकि वह भी अपनी पत्नी की तरह प्रशिक्षित फल वैज्ञानिक था, पर उस समय फल विज्ञान के क्षेत्र में नौकरियां उपलब्ध नहीं थीं। इसलिए उसे सेल्जमैन का काम दिया गया था, जो उसे स्वीकार करना पड़ा था। पता नहीं हिमाचल सरकार बेरोजगारी भत्ता किस हिसाब से देगी और किन लोगों को देगी? क्योंकि यहां हरेक को अपनी पसंद की नौकरी चाहिए और वह भी अपने घर के पास!

 


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