स्‍वप्‍लिन मंच के शिखर पर श्वेता

By: Mar 5th, 2017 12:07 am

UtsavUtsavलक्ष्य तय हो और इरादे मजबूत हों,तो कठिन से कठिन मंजिल भी हासिल की जा सकती है। ऐसा ही कहना है मिस हिमाचल श्वेता शर्मा का। हिमाचल प्रदेश के अग्रणी मीडिया समूह ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा आयोजित प्रीमियर ब्यूटी पीजेंट मिस हिमाचल-2017 में विजेता बनकर उभरी जिला ऊना की बेटी इंजीनियर श्वेता ने अपनी कामयाबी से यह साबित कर दिखाया है। ऊना जिला के हरोली  ब्लॉक के तहत गोंदपुर बुला  गांव से संबंधित 23 वर्षीय श्वेता  शर्मा के पिता बृज मोहन  शर्मा पुलिस विभाग से निरीक्षक  के पद से सेवानिवृत हुए  हैं जबकि उनकी माता सुमन शर्मा  गृहिणी हैं। श्वेता का एक बड़ा भाई है। श्वेता ने  जमा दो तक की शिक्षा डीएवी  सेंटनरी पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना से प्राप्त की। इसके  बाद रायत बाहरा होशियारपुर संस्थान से सीएसई में बीटेक  की डिग्री प्राप्त की। कालेज के समय से ‘दिव्य हिमाचल’ की मिस हिमाचल स्पर्धा को फॉलो कर रही श्वेता ने मन में मिस हिमाचल का खिताब हासिल करने का सपना बुना था। इस सपने को साकार करने के लिए इंजीनियर श्वेता ने लगातार प्रयास किए। दो बार उसके प्रयास असफल हो गए, लेकिन थक हारकर घर बैठने के स्थान पर श्वेता ने अपने प्रयासों में अधिक मेहनत की। नतीजा सबके सामने है, श्वेता ने कहा कि उसे मॉडलिंग  व एक्टिंग के क्षेत्र में  जाने का शौक रहा है।  इसी कारण उसने इस फील्ड को अपनाया। मिस हिमाचल का  बैनर उसे अपने शौक को  पूरा करने के लिए एक  उपयुक्त मंच लगा।  उन्हें अपने माता-पिता से  मॉडलिंग के क्षेत्र में कार्य  करने की सदा फुल सपोर्ट मिली  है। माता-पिता ने हमेशा हौसला बढ़ाया तथा श्वेता को इच्छा के अनुसार कार्यक्षेत्र को चुनने की भी आजादी दी है।  श्वेता ने बताया कि बीटेक  करने के बाद उसे पिछले  वर्ष ही गुरुग्राम में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब मिल गई, लेकिन  इसके बाद भी मॉडलिंग व  एक्टिंग के प्रति अपने क्रेज को भुला नहीं पाई तथा इस  प्रकार की स्पर्धाओं में भाग  लेने के लिए सदा आतुर रहीं।  इंजीनियर श्वेता अपने तीसरे प्रयास में मिस हिमाचल का ताज चूमने में कामयाब रहीं। कालेज में अपनी सीनियर को मिस हिमाचल के बड़े मंच पर परफार्म करते देख मॉडलिंग के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की चाह ही ऊना के एक ग्रामीण परिवेश की लड़की को ‘दिव्य हिमाचल’ के ब्यूटी विद ब्रेन की अनोखी व आकर्षक प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु खींच लाई। मिस हिमाचल-2017 का ताज पहनने के बाद इंजीनियर श्वेता ने कहा कि ‘दिव्य हिमाचल’ ने उसके जीवन की दिशा ही बदल दी। जिसकी चाहत वह छात्र जीवन से पाले हुए थीं, उस सपने को साकार करने के लिए ‘दिव्य हिमाचल’ ने एक बड़ा मंच प्रदान किया, जिसे वह ताउम्र नही भूल पाएंगी।  श्वेता इस प्लेटफार्म से मिली सफलता का भरपूर उपयोग मॉडलिंग व एक्टिंग के क्षेत्र में अपने सपनों को पंख लगाने के लिए करना चाहती है, वहीं वह सामाजिक दायित्वों को भी निभाना चाहती हैं। वह पर्यावरण संरक्षण में ‘दिव्य हिमाचल’ के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए स्वच्छता का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्य करना चाहती हैं। जिला ऊना में कन्या भ्रूण हत्या व कन्या शिशु लिंगानुपात की दर में आई चिंताजनक कमी के मसले में भी लोगों को जागरूक करने में अपनी भूमिका अदा करेगी।

मुलाकात

पढ़ाई ही श्रेष्ठ और सर्वश्रेष्ठ के बीच अंतर पैदा करती है… 

मिस हिमाचल बनने के लिए आपकी सबसे बड़ी चुनौती क्या रही?

मिस हिमाचल बनने के लिए खुद को फिट रखना बड़ी चुनौती थी। पिछले एक साल के दौरान मैंने अपना वजन घटाने के लिए खूब एक्सरसाइज की, वहीं रैंप पर वाक के लिए यू-ट्यूब पर मिस इंडिया के शोज को देखकर प्रैक्टिस की।

यह कितने वर्षों की मेहनत है और किसकी प्ररेणा से आगे बढ़ीं?

‘मिस हिमाचल’ का ताज प्राप्त करने के लिए तीन सालों से लगातार प्रयासरत थी। 2015 में सेमीफाइनल राउंड तक जगह बनाने के बाद ग्रैंड फिनाले में बीटेक परीक्षाओं के चलते भाग नही ले पाई थी। मिस हिमाचल बनने का मेरा सपना ही मूल प्रेरणा का स्रोत रहा।

आपके लिए  यह उपलब्धि क्या मायने रखती है और अब आगे क्या?

यह उपलब्धि मेरे लिए बहुत मायने रखती है। मेरा सपना साकार हो गया। जॉब के साथ-साथ एक्टिंग व मॉडलिंग करना चाहंूगी। निकट भविष्य में एक्टिंग इंस्टीच्यूट भी ज्वाइन करने की योजना है ताकि एक्टिंग की बारीकियां सीख सकूं।

मिस हिमाचल के मंच पर आपके व्यक्तित्व में क्या बदलाव आया?

मिस हिमाचल के मंच ने जीवन के प्रति सोच में बदलाव लाया है। सकारात्मकता को जीवन में अपनाने की कला सीखी है। कंपैनियन्स के साथ कार्य करने व एक-दूसरे को आगे बढ़ते देख खुश होने की भावना इसी मंच से आई। मेरा सबसे ज्यादा हौसला ग्रैंड फिनाले में भाग ले रही अन्य 21 बालाओं ने बढ़ाया।

कोई तीन गुण जो केवल आपके पास हैं?

कभी हार नहीं मानना,अत्यधिक मेहनती होना तथा अपने व परिवार के सपनों को पूरा करने की ललक।

क्या प्रतिस्पर्धा को लेकर कोई दबाव था?

ग्रूमिंग सेशन के अंतिम दो दिन जरूर दबाव महसूस किया, लेकिन घरवालों से बात कर दबाव को रिलीज किया। वहीं फिनाले व ग्रूमिंग सेशन के दौरान मैंने अपने साथ भगवान की मूर्ति रखी थी। रोजाना भगवान से प्रार्थना भी करती थी, ताकि दबाव मुक्त रह सकूं और सबकुछ प्रभु इच्छा पर छोड़ दूं।

क्या आप सोच चुकी थीं कि मिस हिमाचल बनेंगी या यह सब अचानक हुआ?

मिस हिमाचल बनने का सपना पाले हुए थी। इसके लिए पिछले तीन सालों से मेहनत कर रही थी। सब कुछ अचानक नहीं हुआ, लेकिन नजदीक पहंुचकर इसे पाने का भरोसा बनाए रखना भी बड़ी चुनौती थी।

कोई एक कमी जो बाकी प्रतिस्पर्धी बालाओं को पीछे ले गई?

प्रतियोगिता में भाग ले रही सभी बालाएं एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली थीं।

ग्रूमिंग के दौरान जो आपने पाया?

ग्रूमिंग के दौरान मैंने सीखा कि खुद को कभी भी कमजोर न पड़ने दो। विकट परिस्थिति में भी विश्वास नहीं खोना है। हमेशा सकारात्मक रहो।

कोई ऐसा लम्हा जो जीवन के प्रति नजरिया बदल गया?

मिस हिमाचल बनने के बाद मुझमें सकारात्मकता का संचार हुआ है। सपने सच होते हैं,बशर्ते उन्हें पूरा करने के लिए आप गंभीर रहें।

अब इंजीनियरिंग, मॉडलिंग या कुछ और?

मैं अपनी जॉब नहीं छोड़ना चाहती तथा पढ़ाई को यूटिलाइज करना चाहती हूं, लेकिन इसके साथ ही बेहतर अवसर मिलने पर एक्टिंग व मॉडलिंग के क्षेत्र में हाथ आजमाना चाहती हूं। एक्टिंग क्लासेस भी अटेंड करने की योजना है।

इस क्षेत्र में इच्छुक हिमाचली बेटियों को आपकी राय?

मेरा यही कहना है कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत से लगातार प्रयास करो, लेकिन पढ़ाई को अधूरा मत छोड़ो, क्योंकि पढ़ाई ही आपका आत्मविश्वास बढ़ाएगी। वहीं बड़़े मंच पर पढ़ाई ही श्रेष्ठ व सर्वश्रेष्ठ के मध्य डिफेरेंस पैदा करेगी।

जितेंद्र कंवर, ऊना

जिन्होंने छुए शिखर

स्वप्न सभी की आंखें देखती हैं, लेकिन किसी-किसी के स्वप्न पूरे होते हैं। अधिकांश लोगों के स्वप्न जमीन पर इसलिए नहीं उतर पाते क्योंकि उन्हें सही मंच नहीं मिल पाता। ‘ दिव्य हिमाचल ’ की पहल ‘मिस हिमाचल’ ने साबित किया है कि मंच मिले तो छुपी हुई प्रतिभाओं का हुनर सामने आ जाता है। ‘ मिस हिमाचल ’ के शिखर छूने वाले चेहरे आप के भीतर भी जज्बा जगा सकते हैं। आईए! इनसे परिचित होते हैं…

आरुषा शर्मा 2016

आरुषा शर्मा 2016मिस हिमाचल 2016 मंडी की आरुषा शर्मा का का कहना है कि उसने कभी नहीं सोचा था कि  उसका सपना पूरा  होगा। अपने सपने को जब साकार होते देखा तो वह पल 2016 का ‘मिस हिमाचल’ का ताज मेरे सिर सजना मेरे लिए जिंदगी का सबसे खूबसूरत लम्हा था।  आरुषा अभी अपनी पढ़ाई की ओर ध्यान दे रही है।  उसके बाद मॉडलिंग की तरफ अपना करियर बनाऊंगी।

नताशा सिंह 2015

नताशा सिंह 2015मिस हिमाचल 2015 का खिताब हासिल करने वाली बिलासपुर की नताशा सिंह का कहना है कि जब मैं 12 वर्ष की थीं, तो एफटीवी देखकर मॉडलिंग करने की इच्छा जागृति हुई और  उस समय एक सफल मॉडल बनने का दृढ़ निश्चय कर लिया था। मेरी इच्छा को पूरा किया ‘दिव्य हिमाचल ’ने। ‘मिस हिमाचल’ 2015 जब मैं बनीं तो मेरी आखों से आंसू छलक गए । नताशा का कहना है कि किसी बेटी की चाहत है कि मॉडलिंग की दुनिया में पांव रखे, तो अभिभावकों को पूरा सहयोग देना चाहिए।

एंजल गोयल 2014

एंजल गोयल 20142014 की मिस हिमाचल  रामपुर की एंजल गोयल ने अपनी खूबसूरती और टेलेंट से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। एंजल का कहना है कि जब घर पर टीवी पर  फिल्में, मॉडलिंग ऐसा कुछ देखते थे, तो सोचते थे कि काश हम भी यहां तक पहुंच पाते, लेकिन रास्ता दिखाई नहीं देता था  और वही रास्ता हिमाचल की बेटियों को ‘दिव्य हिमाचल’ ने दिखाया है।  हमें इस मंच से बहुत कुछ सीखने को मिलता है, अपने व्यक्तित्व को निखारने का पूरा मौका मिलता है।

नेहा शर्मा 2013

नेहा शर्मा 2013जब शिमला की नेहा शर्मा के सर  ‘मिस हिमाचल’ का ताज सजा तो वह भावुक हो उठीं। जब नेहा से पूछा गया कि क्या हुआ तो कहा कि दादी परियों की कहानी सुनाया करती थी तो मन में परी बनने की तमन्ना होती थी कि मैं भी बड़ी होकर परी बनूंगी। ‘मिस हिमाचल’ बनकर बचपन में संजोया सपना साकार हुआ है। तो दादी की कहानी फिर एक बार जहन में आ गई, लेकिन इस कहानी को सच करने का रास्ता ‘ दिव्य हिमाचल ’ ने दिखाया। मैं तहेदिल से ‘ दिव्य हिमाचल ’ की शुक्र गुजार हूं। अभी नेहा शर्मा की शादी हो गई है और वह जयपुर हैं।

वैशाली नेगी 2012

वैशाली नेगी 2012शिमला की वैशाली नेगी 2012 में लॉ की छात्रा थीं और  मॉडलिंग का शौक उन्हें शुरू से ही रहा। ‘ मिस हिमाचल ’ के बारे में उन्होंने अखबार में पढ़ा  तो  अपने सपने को पूरा करने की चाहत मन में पनपी और बस क्या था  दे दिया ऑडशिन और ‘ मिस हिमाचल ’ का ताज अपने नाम कर लिया। वैशाली कहती हैं  कि उनको तो विश्वास ही नहीं था कि यह ताज उनके सिर सजेगा। दोस्तों का साथ, बड़ों का आशीर्वाद ही था, जो मैंने यह मुकाम पाया। बीच में वैशाली ने मुंबई में मॉडलिंग भी की और अभी वैशाली हैदराबाद में लॉ कर रही हैं।

शीतल वर्मा 2011

शीतल वर्मा 2011धर्मशाला की शीतल वर्मा बद्दी यूनिवर्सिटी में बीटेक की पढ़ाई कर रही थीं। और 2011 की मिस हिमाचल शीतल वर्मा ने मिस इनोवेटिव दीवा 2011 का खिताब भी अपने नाम किया है  और इनको विल्स फैशन वीक का ऑफर भी मिला। शीतल ने पंजाबी म्यूजिक एलबम की शूटिंग भी की।  शीतल का कहना है कि हिमाचली चेहरे को फैशन इंडस्ट्री में अधिक तवज्जो दी जाती है , लेकिन जानकारी न होने की वजह से युवा हिमाचल तक ही रह जाते हैं, लेकिन अब ‘दिव्य हिमाचल’ ने ऐसा मंच प्रदान किया है कि हम अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

पूर्वा राणा 2010

पूर्वा राणा 2010हिमाचल के मंच से आगे बढ़ते हुए मॉडलिंग की दुनिया में मुकाम हासिल करने के बाद कांगड़ा की बेटी अब मूवी में दिखेंगी। धर्मशाला से ताल्लुक रखने वाली पूर्वा राणा को वर्ष 2010 में पहली ‘मिस हिमाचल’ बनने का गौरव प्राप्त हुआ था। उसके बाद पूर्वा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मॉडलिंग की दुनिया में आगे बढ़ते हुए पूर्वा राणा दो मूवी में लीड रोल कर रही हैं। ये दोनों फिल्में अगले साल के शुरुआती महीनों में रिलीज होंगी। इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन विषय में इंजीनियरिंग बीटेक कर चुकीं पूर्वा राणा पढ़ाई में हमेशा अव्वल रही हैं।


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