हफ्ते का खास दिन

By: Mar 19th, 2017 12:05 am

उस्ताद बिस्मिल्ला खां

जन्मदिवस 21 मार्च,1916

उस्ताद बिस्मिल्ला खां का जन्म 21 मार्च, 1916 को  डुमरांव बिहार में हुआ था। हिंदुस्तान के प्रख्यात शहनाई वादक थे। सन् 2001 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। वह तीसरे भारतीय संगीतकार थे जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। बिस्मिल्ला खां का जन्म बिहारी मुस्लिम परिवार में पैगंबर खां और मिट्ठन बाई के यहां बिहार के डुमरांव के ठठेरी बाजार के एक किराए के मकान में हुआ था। उनके बचपन का नाम कमरूद्दीन था। वह अपने माता-पिता की दूसरी संतान थे। चूंकि उनके बड़े भाई का नाम शमशुद्दीन था। अतः उनके दादा रसूल बख्श ने कहा ‘बिस्मिल्लाह! जिसका मतलब था अच्छी शुरुआत! या श्रीगणेश अतः घर वालों ने यही नाम रख दिया। और आगे चलकर वह ‘बिस्मिल्ला खां’ के नाम से मशहूर हुए। उनके खानदान के लोग दरवारी राग बजाने में माहिर थे, जो बिहार की भोजपुर रियासत में अपने संगीत का हुनर दिखाने के लिए अकसर जाया करते थे। उनके पिता बिहार की डुमरांव रियासत के महाराजा केशव प्रसाद सिंह के दरवार में शहनाई बजाया करते थे। छह साल की उम्र में बिस्मिल्ला खां अपने पिता के साथ बनारस आ गए। वहां उन्होंने अपने चाचा अली बख्श ‘विलायती’ से शहनाई बजाना सीखा। उनके उस्ताद चाचा ‘विलायती’ विश्वनाथ मंदिर में स्थायी रूप से शहनाई वादन का काम करते थे।

धार्मिक विश्वास

यद्यपि बिस्मिल्ला खां शिया मुसलमान थे, फिर भी वह अन्य हिंदुस्तानी संगीतकारों की भांति धार्मिक रीति- रिवाजों के प्रबल पक्षधर थे । बिस्मिल्ला खां को भारत रत्न, पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था।  वह काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर में जाकर तो शहनाई बजाते ही थे इसके अलावा वह गंगा किनारे बैठकर घंटों रियाज भी किया करते थे। उनकी अपनी मान्यता थी कि उनके ऐसा करने से गंगा माता प्रसन्न होती हैं। बिस्मिल्ला खां की मृत्यु 21 अगस्त, 2006 वाराणसी में हुई थी।


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