अपनों को बिलखता छोड़ पंचतत्त्व में मिले वीर सपूत
तीन साल की मासूम ने दी पिता की देह को मुखाग्नि
नेरचौक— छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए बल्ह घाटी के नेरचौक के 33 वर्षीय सीआरपीएफ जवान सुरेंद्र ठाकुर का मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। नेर ढांगू श्मशानघाट पर उनके पार्थिव शरीर को उनकी नन्ही सी तीन वर्षीय लाड़ली एलिना ने मुखाग्नि दी। सीआरपीएफ और हिमाचल पुलिस के जवानों ने हवाई फायर करके शहीद को सलामी दी, वहीं मां ने नारे लगाए कि जब तक सूरज चांद रहेगा सुरेंद तेरा नाम रहेगा। बता दें कि सुरेंद्र ठाकुर 2003 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे और पिछले तीन साल से नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में देश को अपनी सेवाएं दे रहे थे। सुरेंद्र ठाकुर जे एंड के में भी वीरता से भरे अपने सेवाकाल के दौरान आंतकवादियो से लोहा ले चुके थे। सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में ड्यूटी के दौरान नक्सलियों ने सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन पर हमला कर दिया था और इसी हमले में सुरेंद्र ठाकुर नक्सलियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। नेर ढांगू श्मशानघाट पर मंडी के लोकसभा सांसद रामस्वरूप शर्मा, आबकारी एवं कराधान मंत्री तथा स्थानीय विधायक प्रकाश चौधरी, बल्ह के एसडीएम सिद्धार्थ आचार्य और चंडीगढ़ से यहां पंहुचे सीआरपीएफ के डीआईजी वीके कौंडल ने भी शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पमालाएं अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी।
58 हजार रुपए फौरी राहत
सुकमा के शहीद 33 वर्षीय सुरेंद्र ठाकुर डीआईजी सीआरपीएफ ने फौरी राहत के तौर पर 58 हजार रुपए दिए हैं।
राज्यपाल-मुख्यमंत्री नक्सली हमले से आहत
शिमला— राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा सीआरपीएफ जवानों पर किए गए हमले, जिनमें 25 जवान शहीद हो गए थे, पर शोक व्यक्त किया है। हमले में हिमाचल के भी दो जवान शहीद हुए हैं। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि और शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उधर, विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले की निंदा की है।
चचियां के संजय का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
नगरी (पालमपुर)— पालमपुर के निकटवर्ती गांव चचियां के शहीद एएसआई संजय कुमार (46) का शरीर पंचतत्त्व में विलीन हो गया है। चचियां (नगरी) में उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ हुआ। सेना की टुकड़ी ने सलामी के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। इस मौके पर मौजूद हर व्यक्ति की आंखें भर आईं। मंगलवार सुबह जब संजय कुमार की सुकमा में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहादत का समाचार आया तो नगरी, चचियां व पालमपुर इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। दिन भर क्षेत्र में माहौल गमगीन था। मंगलवार दोपहर बाद शहीद संजय कुमार का पार्थिव शरीर नगरी (चचियां) पहुंचा तो उनकी पत्नी व दोनों बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था। शहीद संजय की शहादत से उनके परिवार को झकझोर कर रख दिया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में सोमवार को हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद हो गए थे, जिसमें दो हिमाचल प्रदेश के जांबाज शामिल थे। एक जिला मंडी के सुरेंद्र व दूसरे पालमपुर (चचियां) के संजय थे। शहीद संजय कुमार 1990 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। वर्ष 2000 में उनकी शादी अंकिता से हुई थी, उनकी दो बेटियां हैं। छोटी बेटी कशिश सातवीं की छात्रा है, जबकि बड़ी बेटी अमिषा 12वीं कक्षा में पढ़ रही है। शहीद के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद के दोनों भाइयों ने इस घटना के लिए सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। शहीद संजय कुमार की अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने भाग लिया। अंतिम संस्कार में प्रशासन की तरह एसडीएम अजीत भारद्वाज, एसपी संजीव गांधी, डीएसपी विकास धीमान, एडीसी कांगड़ा भी शामिल हुए। अंतिम संस्कार में सीआरपीएफ के दो दर्जन अधिकारियों ने भाग लिया।
…संजय तेरा नाम रहेगा
अंतिम यात्रा के दौरान ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, संजय तेरा नाम रहेगा’ के नारों से इलाका गूंज उठा। भारत माता की जय के उद्घोष के साथ इलाके की जनता ने इस शहीद को अंतिम विदाई दी।
सिरमौर का जवान भी जख्मी
कंधे पर लगी गोली, फरवरी में हुई है शादी
नाहन— छत्तीसगढ़ के सुकमा में सोमवार को हुए नक्सली हमले में जिला सिरमौर का एक जवान गंभीर रूप से जख्मी हुआ है। सीआरपीएफ की बटालियन में तैनात कोलर निवासी महेंद्र सिंह को हमले में गोली लगी है। महेंद्र सिंह के पिता तपेंद्र सिंह ने बताया कि महेंद्र सिंह अभी तक एक माह की छुट्टी काटकर ड्यूटी पर गया है। फरवरी में उसका विवाह हुआ है। महेंद्र सिंह को हमले में दाहिने कंधे पर गोली लगी है। परिजनों के मुताबिक इस हमले में महेंद्र सिंह के दो दर्जन साथी जहां शहीद हुए हैं, वहीं कई जवान जख्मी हुए हैं। पिता ने बताया कि महेंद्र सिंह व अन्य घायल साथियों का रायपुर के आर्मी अस्पताल में उपचार चल रहा है। उन्हें सोमवार देर शाम को दूरभाष पर सूचना मिली थी कि नक्सली हमले में महेंद्र सिंह भी शामिल थे। उसके बाद देर रात को महेंद्र सिंह ने स्वयं उनसे बात की। महेंद्र सिंह के मुताबिक वह स्वस्थ होने के बाद पुनः सुकमा में ड्यूटी देंगे।
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