अब 50 साल पुराने मंदिरों स्मारकों का भी रखेंगे ख्याल

By: Apr 25th, 2017 12:05 am

मंडी —  प्रदेश के 50 साल पुराने पुरातन स्मारकों, धार्मिक संस्थानों की देखभाल की जाएगी। भाषा एवं संस्कृति विभाग ने पुरातन स्मारकों और धार्मिक संस्थानों के जीर्णोद्धार के लिए तय की गई शर्तों में भारी कटौती की है। पहले उक्त मंदिरों के जीर्णोद्धार को विभाग ने 100 साल पुराने भवनों पर ही पैसा देने की शर्त रखी थी, लेकिन इसकी सीमा घटा कर अब 50 साल कर दी गई है। ऐसे में अब 50 साल पुराने धार्मिक भवनों व स्मारकों को भी विभाग अनुदान देगा। भाषा एवं संस्कृति विभाग सहायतानुदान नियम 1981 के तहत उक्त प्रावधान किया गया है। हिमाचली संस्कृति को बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा यह योजना बनाई गई है। हालांकि नियमों में साफ किया गया है नवनिर्माण के लिए अनुदान नहीं मिलेगा, सिर्फ पुराने भवनों के जीर्णोद्धार और उनके स्वरूप को बनाए रखने के लिए पैसा दिया जाएगा। यदि धार्मिक संस्थान या स्मारक निजी संपत्ति के दायरे में हैं तो उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा आवेदकों के पत्र की और शर्तों के स्तयापन की जांच भी विभागीय स्तर पर ही की जाएगी। इसके साथ ही जिन शर्तों और मदों के लिए पैसा जारी किया जाएगा, आवेदकों को उन्हीं पर पैसा खर्च करना होगा। अन्यथा ब्याज सहित राशि वापस ले ली जाएगी। विभाग की वेबसाइट पर फार्म भी उपलब्ध करवाए गए हैं।

100 साल की शर्त में 56 ने उठाया लाभ

पिछले साल 100 साल की शर्त के दायरे में प्रदेश भर से 56 मंदिरों और पुरातन स्मारकों ने इस योजना का लाभ उठाया था। निदेशालय से अनुदान स्वीकृत होने के बाद तीन किस्तों में अनुदान राशि दी जाएगी। इस 30 फीसदी राशि अनुदान मांग स्वीकृत होने पर और 50 प्रतिशत रकम आधा निर्माण कार्य पूरा होने पर व 20 फीसदी रकम काम खत्म होने पर दी जाएगी।


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