किसानों को अब 80% सबसिडी

By: Apr 23rd, 2017 12:02 am

मुख्यमंत्री खेती संरक्षण योजना के तहत राहत, पांच कंपनियों को सौंपा बाड़ लगाने का जिम्मा

शिमला— प्रदेश के किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए विभाग द्वारा पिछले साल शुरू की गई मुख्यमंत्री खेती संरक्षण योजना पर किसानों को अब 80 फीसदी उपदान सरकार देगी। योजना पर अधिक खर्च होने के चलते किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था, जिसे देखते हुए अब इस योजना पर सबसिडी की राशि बढ़ाकर किसानों को राहत प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को बाड़ लगाने के लिए पिछले साल 60 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जा रही थी, जो अब वर्ष 2017-18 में बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दी गई है। किसान की फसलें जंगली जानवरों और आवारा पशुओं, बंदरों से बचाने के लिए सौर उर्जा और बिजली संचालित बाड़ लगाने के लिए विभाग ने यह फैसला लिया है। परियोजना में किसान अपने खेतों के लिए या तो सौर उर्जा संचालित बाड़ या  विद्युत ऊर्जा संचालित बाड़ लगवा सकता है। किसान को सहायता राशि केवल 1500 मीटर लंबाई वाली बाड़ तक ही मिलेगी। इसके बाद बाड़ की जितनी लंबाई होगी, उसका पूरा खर्चा किसान को स्वयं वहन करना पड़ेगा । योजना मे 100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 और 1500 मीटर के अलग-अलग परिमाप वाले मॉडल की लागत अलग-अलग है। सभी परिमापों में पांच, सात और नौ संख्या की तारें लगाने का प्रावधान है। इसमें पांच तारों वाली बाड़ की कुल ऊंचाई 1.50 मीटर और सात और नौ संख्या की तारों वाली बाड़ की ऊंचाई 2.10 मीटर होगी। कृषि विभाग की गठित कोर टीम द्वारा बाड़ के निरीक्षण उपरांत कार्य संपन्न प्रमाण पत्र और लाभार्थी द्वारा संतुष्टि प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ही बाड़ को स्थापित करने के लिए दी जाने वाली सहायता राशि संबंधित कंपनी को दी जाएगी। यदि किसान बैंक से इस योजना के लिए लोन लेता है, तो सहायता राशि लाभार्थी को बैंक के जरिए दी जाएगी। कृषि निदेशक रमेश चंद ने कहा कि सहायता प्राप्त करने के लिए किसान जिला नोडल अधिकारी, कृषि उपनिदेशक, जिला कृषि अधिकारी जो जिला में परियोजना स्वीकृति प्राधिकारी हैं, को संबंधित विकास खंड के परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी पीआईए, विषय विशेषज्ञ के माध्यम से तय प्रपत्र पर आवेदन करना होगा। किसान को आवेदन स्वीकार होने पर स्वयं सत्यापित किया हुआ पत्र भी देना होगा कि वह इस बाढ़ का नियमित रूप से रखरखाव करेगा। योजना के तहत पांच कंपनियां शामिल की गई हैं। किसान इसमें से किसी भी कंपनी का चयन बाड़ लगवाने के लिए कर सकता है। किसानों को अपने स्तर पर भी सौर बाढ़ स्थापित करने का विकल्प रखा गया है, इसके लिए सभी प्रकार के तकनीकी मापदंड किसान को पूरे करने होंगे।

इस साल खर्च होंगे 30 करोड़

योजना के लिए वर्ष 2017-18 के लिए विभाग 30 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान रखा गया है। आवेदन करने वाले किसानों को इस राशि में से ही उपदान विभाग की ओर से प्रदान किया जाएगा। प्रदेश में अब तक 153 सौर बाड़ लगाने को विभाग ने मंजूरी दी है।


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