क्यों जरूरी है गर्मियों में धूप का चश्मा

By: Apr 22nd, 2017 12:05 am

कई लोग कड़ी धूप में यूं ही बाहर निकल जाते हैं और चिलचिलाती धूप में आंखों पर बिना चश्मा लगाए बाहर जाने से आंखों में जलन, पानी गिरना, सिर चकराना, जी मिचलाना जैसी शिकायतें होने लगती हैं। धूप के चश्मे न केवल फैशन के तौर पर ट्रेंडी होते हैं बल्कि इन्हें आंखों के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण माना जाता है…

आंखें अनमोल होती हैं और बहुत संवेदनशील भी होती हैं, तेज धूप की वजह से आंखों पर पड़ने वाली अल्ट्रावायलेट रेडिएशन इनको नुकसान पहुंचा सकती हैं, इससे बचने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले धूप के चश्मे का इस्तेमाल करना जरूरी है। सर्दियों की तुलना में गर्मी में यूवी रेडिएशन तीन गुना ज्यादा होती है। इसलिए गर्मियां शुरू होते ही धूप के चश्मे की जरूरत महसूस होने लगती है। कई लोग कड़ी धूप में यूं ही बाहर निकल जाते हैं और चिलचिलाती धूप में आंखों पर बिना चश्मा लगाए बाहर जाने से आंखों में जलन, पानी गिरना, सिर चकराना, जी मिचलाना जैसी शिकायतें होने लगती हैं। धूप के चश्मे न केवल फैशन के तौर पर ट्रेंडी होते हैं बल्कि इन्हें आंखों के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानें कि गर्मियों में धूप का चश्मा लगाना क्यों जरूरी है।

रेटिना को बचाए- धूप का चश्मा सूरज से निकलने वाली घातक यूवी किरणों से आंखों की रेटिना को बचाने का काम करता है। तेज धूप के कारण आंखों की रोशनी पर प्रतिकूल असर पड़ने के साथ ही धूल के कण रेटिना को नुकसान पहुंचा सकते हैं। धूप के चश्मे का इस्तेमाल करके आंखों को सुरक्षित रखा जाता है। इसलिए जब भी घर से बाहर जाएं तो अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए इसे लगाना न भूलें।

कॉर्निया को सुरक्षित रखे – तेज धूप में निकलने पर सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से आंखों के ऊपर बनी टीयर सैल यानी आंसूओं की परत टूटने या क्षतिग्रस्त होने लगती है और यह कॉर्निया के लिए हानिकारक हो सकता है। यानी आंखों की कॉर्निया को भी यूवी किरणों से उतना ही नुकसान पहुंचता है, जितना कि रेटिना को।  धूप में जाते समय काला चश्मा पहनने से आप इस समस्या से बच सकते हैं।

बेसल सैल कार्सिनोमा- धूप का चश्मा न लगाने से बेसल सैल कार्सिनोमा की समस्या भी हो सकती है। यह त्वचा कैंसर के सबसे आम प्रकारों में से एक है। यह आंखों के सूरज की रोशनी के संपर्क में आने के कारण होता है। बेसल सैल कार्सिनोमा पलक की त्वचा का कैंसर है।

कंजक्टिवा को रखे सुरक्षित- आंखों की निचली व ऊपरी पलकों की बाहरी परत को कंजक्टिवा कहते हैं। यह आपकी आंखों में एक बहुत ही संवेदनशील भाग होता है। जब इसमें धूप से दिक्कत होती है, तब इसमें खुजली होना शुरू हो जाती है। इसमें वायरल, बैक्टीरियल व एलर्जिक संक्रमण कंजक्टिवाइटिस कहलाता है। इसलिए धूप में जाते समय इसे कवर करने के लिए आपको धूप का चश्मा पहनना बहुत जरूरी होता है।

सावधानी- धूप के चश्मे लेते समय विशेष रूप से ध्यान रखना जरूरी है। एक तो चश्मे का साइज बड़ा हो और दूसरा उसकी क्वालिटी अच्छी हो। यानी कि वह यूवी किरणों से पूरी सुरक्षा प्रदान करे। चश्मा खरीदने से पहले यह बात भलीभांति समझनी चाहिए कि यह कोई फैशन की वस्तु नहीं बल्कि यह आंखों के आराम हेतु एक उपयोगी वस्तु है। साथ ही धूप का चश्मा धूल, धुआं तथा अदृश्य कीटाणुओं से आंखों की रक्षा करता है।


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