छठे सेमेस्टर की परीक्षा के मूल्यांकन का विरोध

By: Apr 25th, 2017 12:05 am

हमीरपुर – नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर में सोमवार को एचजीसीटीए स्थानीय इकाई की बैठक हुई। इसमें एचपीयू द्वारा संचालित छठे सेमेस्टर के परीक्षा के आंतरिक मूल्यांकन का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। इकाई अध्यक्ष डा. अनिल कुमार गौतम ने कालेज प्राध्यापकों की मांगों के संदर्भ में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन को प्राचार्य के माध्यम से चार सूत्री ज्ञापन भेजा है। इकाई अध्यक्ष डा. अनिल कुमार गौतम ने कहा कि एचपीयू ‘काम चलाऊ नीति’ पर कार्य कर रहा है, जो विद्यार्थियों के हित में नहीं है। उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले साल छठे सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम समय पर घोषित करने की बात कह कर सत्रांत परीक्षा का आंतरिक मूल्यांकन कराया था, जिसका तभी से एचजीसीटीए विरोध करती आ रही है, क्योंकि सत्रांत परीक्षा का कालेज स्तर पर मूल्यांकन छात्रहित में नहीं है। सत्रांत परीक्षा का मूल्यांकन विश्वविद्यालय स्तर पर होना चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले साल एचजीसीटीए के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक कुलपति के साथ हुई थी, इसमें आगे से सत्रांत परीक्षा का आंतरिक मूल्यांकन न कराने का निर्णय लिया गया था, जिसे नजरअंदाज कर विश्वविद्यालय प्रशासन वर्तमान समय में चल रहे छठे सेमेस्टर के सत्रांत परीक्षा का कालेज स्तर पर मूल्यांकन कराने का निर्णय लिया है। इस दौरान सर्वसम्मति से केंद्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर छठे सेमेस्टर के सत्रांत परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के आंतरिक मूल्यांकन का बहिष्कार करने तथा परीक्षा परिणाम विलंब से घोषित होने की स्थिति में विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराने का निर्णय लिया गया। एचजीसीटीए की स्थानीय इकाई ने अपनी मांगों के संदर्भ में प्राचार्य डा. हरदेव सिंह जम्वाल के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन को चार सूत्री मांग पत्र भेजा है। बैठक में प्रो. राकेश कुमार, डा. अनिल कुमार गौतम, प्रो. विजय कौंडल, प्रो. अमरजीत अत्री, प्रो. नीलम गुलेरिया, डा. जीसी राणा, डा. बिहारी लाल, प्रो. निकिता, प्रो. अल्पना, प्रो. रविदत्त, प्रो. सुरेंद्र ठाकुर, डा. उत्तम, प्रो. बोविंद्र समेत कई प्राध्यापक उपस्थित रहे।

 


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