फिटनेस : न उम्र की सीमा हो

By: Apr 2nd, 2017 12:05 am

जिंदगी की शाम जब ढलने लगती है, तो न सिर्फ  शरीर में ढेरों बीमारियां अपना घर बना लेती हैं, बल्कि जीवन में एक सूनापन भी छा जाता है। हमारे देश में बहुत कम ऐसे लोग हैं, जो 60 साल की उम्र में भी उसी जीवंतता के साथ जीवन व्यतीत करते हैं। योग के सहारे इस उम्र में भी खुद को शारीरिक व मानसिक रूप से दुरुस्त रखा सका जा सकता है। वैसे तो उम्र के हर पड़ाव पर ही योग के अनेक फायदे हैं, लेकिन स्त्रियों को तो योग के जरिए अतिरिक्त फायदा पहुंचता है। उम्र के अलग-अलग दौर में विभिन्न प्रकार के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में अपनी स्ट्रेंथ बढ़ाने, बीमारियों को दूर करने, हड्डियों की उम्र बढ़ाने, माइंड को शार्प करने और अपनी स्किन की टाइटनिंग और ग्लो को बनाए रखने के लिए योग का रास्ता अपना सकते हैं।

कपालभाति : यह प्राणायाम की एक विधि है। इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से चेहरे पर चमक आती है, साथ ही झुर्रियां भी कम होती हैं। इसके लिए किसी भी मुद्रा में बैठ जाएं। साथ ही कमर व गर्दन को सीधा कर लें, जब पीठ सीधी होगी तो छाती आगे की ओर उभरी रहनी चाहिए। हाथों को घुटनों पर ज्ञान की मुद्रा में रखें। इसके बाद नाक से सांस छोडे़। पेट को अंदर की ओर खींचकर रखें। अब नाक से सांस को अंदर खींचें और पेट को बाहर करें। इस क्रिया को 50 बार से धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 500 बार तक किया जा सकता है। एक क्रम में 50 बार से अधिक न करें। खाना खाने के बाद  3 घंटे तक इसे ट्राई न करें।

भ्रामरी प्राणायामः सर्वप्रथम किसी भी आसन में बैठकर दोनों हाथों की अंगुलियों में से मिड फिंगर से नाक को हल्का दबाकर रखें। तर्जनी को माथे पर, मध्यमा को आंखों पर और सबसे छोटी अंगुली को होंठ पर और अंगूठे से दोनों कानों के छिद्रों को बंद कर दें। फिर सांस को धीमी गति से गहरा खींचकर अंदर कुछ देर रोक कर रखें, फिर बाहर निकालें।


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