बसों की भीड़ ने कुचल दिया छोटा सा बस अड्डा
कुल्लू — जिला कुल्लू में मुख्य बस स्टेंड कुल्लू छोटा पड़ने लगा है। कुल्लू में बसों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन बस स्टेंड में बसों को खड़ा करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है। ऐसे में बसों को बस स्टैंड से बाहर ही चालकों को खड़ा करना पड़ता है। कई बार बस स्टैंड में जमघट लगने से चालकों को बस स्टैंड के बाहर ही सवारियों को उतारना पड़ता है। बता दें कि बस स्टैंड कुल्लू में एचआरटीसी बसों को खड़ा करने के लिए जगह नहीं मिल रही है। रात को कुल्लू में रूकने वाली निजी बसें अधिकतर बस स्टैंड से बाहर खड़ी की जाती है। प्रदेश के सबसे कमाऊपूत कुल्लू डिपो के पास 185 के करीब बसें हैं। वहीं, कुल्लू में 130 के करीब निजी बसें हैं। कुल्लू में करीब 315 सरकारी और निजी बसें हैं। यही नहीं कुल्लू बस स्टैंड के लिए बाहरी राज्यों और हिमाचल के अन्य डिपुओं के अलावा बाहर से निजी बसें आती है। ऐसे में बसों की संख्या साढे़ तीन सौ के आसपास पहुंच रही है। इन बसों को बस स्टैंड में खड़ा करने के लिए स्थान नहीं मिल पा रहा है। कुल्लू बस स्टैंड में सात बस काउंटर है। बसों की संख्या ज्यादा होने से यह सात काउंटर ऊंट के मुंह में जीरा वाली बात है। लोकल बसों के लिए काउंटर ही नहीं है।ं अधिकतर बसें काउंटर से बाहर ही लगती है।
मेन रोड में खड़ी होती हैं बसें
जिन बसों को बस स्टैंड कुल्लू में काउंटर नहीं मिलता है। उन्हें बस स्टैंड में सवारियां उताने के बाद जब तक उनका अगला समय नहीं हुए तब तक मैन रोड़ और बस स्टैंड साथ ही खाली स्थान पर खड़ा किया जाता है। बार-बार बस अड्डे के भीतर बसें लाने के लिए चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बसों की संख्या ज्यादा होने से बस स्टैंड में जमघट भी लग जाता है।
70 गाडि़यों की है क्षमता
कुल्लू बस स्टैंड में मात्र 70 बसों को खड़ा करने की क्षमता है। इन 70 बसों के लिए भी बस स्टैंड काफी तंग पड़ता है। क्षेत्र के दुकानदारों एवं अन्य लोगों के अनुसा बस स्टैंड की कपेसिटि कम होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए समय रहते नए बस स्टैंड के लिए विकल्प ढूंढना जरूरी हो गया है।
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