ब्यास नदी के किनारे बसे औट और थलौट गांव

By: Apr 19th, 2017 12:05 am

ब्यास नदी के किनारे किसी समय औट दो-तीन घरों का और वैसा ही थलौट गांव बसा था। पंडोह क्षेत्र ब्यास नदी, बाखली और जिऊणी खड्डों का संगम स्थल होने से काफी खुला स्थान है, अतः वहां काफी पुराने समय से बस्ती रही है…

हिमाचल की नदियां

ब्यास नदी – देश की स्वतंत्रता के उपरांत इस क्षेत्र ने काफी प्रगति की है। पूरा क्षेत्र फलदार पौधों के अधीन आ गया है और आज कोई नहीं कह सकता कि कभी यह क्षेत्र मरुस्थल रहा हो। यहां ब्यास नदी के दायीं ओर ढालपुर मैदान स्थित है। कुल्लू नगर के पास ब्यास नदी में ‘सरवरी’ भुंतर में ‘पार्वती’ और औट के पास ‘लारजी’ नाम की छोटी नदियां आ मिलती हैं। औट में मंडी तक के भाग में पार्वती और लारजी की तरह बाखली और जिऊणी नामक खड्डे पूर्वी पर्वतीय ढलानों से बहती हुईं पंडोह में अलग-अलग स्थानों पर ब्यास में आ मिलती हैं। पंडोह और मंडी नगर के बीच चौहार घाटी में से उत्तर की ओर से ‘ऊलह नदी’ इसमें समा जाती है। मंडी नगर के पास दक्षिण दिशा से बहकर आने वाली सुकेत खड्ड इसमें प्रवेश करती है। मंडी से हारसीपत्तन के बीच तुंगल, सरकाघाट और धर्मपुर क्षेत्र की जल थार ढलान उत्तर और पश्चिम की ओर है। इस भाग में तुंगल के खड्ड-नालों, सरकाघाट क्षेत्र की थौला-पिंगला, सोन खड्ड और बक्कर खड्ड का पानी कून, काढ़ी और संधोल आदि स्थानों में ब्यास नदी में सम्मिलित होता है। इनमें बक्कर खड्ड सिर्फ बरसाती पानी की खड्ड है। इस भाग में मंडी, धर्मपुर और गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र आते हैं। नदी पार की उत्तर की ओर की ढलानों का पानी मैंगल, दं्रग, नारला, गुम्मा और जोगिंद्रनगर की रणा खड्ड आदि में बहता हुआ ब्यास नदी में पहुंचता है। ब्यास नदी के किनारे किसी समय औट दो-तीन घरों का और वैसा ही थलौट गांव बसा था। पंडोह क्षेत्र ब्यास नदी, बाखली और जिऊणी खड्डों का संगम स्थल होने से काफी खुला स्थान है, अतः वहां काफी पुराने समय से बस्ती रही है। उसके बाद वर्तमान मंडी नगर वाला स्थान प्राचीनकाल से आदमी का निवास स्थल रहा है। इस क्षेत्र में मनाली, नग्गर, कटराईं, कुल्लू, भुंतर, बजौरा, नगवाईं आदि गांव व शहर इसके दाएं और बाएं तटों के आसपास समय-समय पर बसते व उजड़ते भी रहे हैं और पुनः आबाद होते रहे हैं। ब्यास नदी का जल सिंचाई के लिए औट से हारसीपत्तन तक  ही प्रायः काम नहीं आता रहा, जबकि इसकी सहायक शाखाओं में से लारजी के अलावा सभी से सुविधाजनक स्थानों में कूहलें निकली मिलती हैं। औट से मंडी नगर तक औट और थलौट के छोटे-छोटे गांव ही ब्यास के तट के पास बसे मिलते हैं। ये भी तब बसे जब पठानकोट-मंडी-कुल्लू-मनाली सड़क का निर्माण हुआ।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App