मैं आत्मकथा लिखूंगी तो बहुत से लोग छिपते फिरेंगे

By: Apr 16th, 2017 12:07 am

मैं आत्मकथा लिखूंगी तो बहुत से लोग छिपते फिरेंगेबालीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन इन दिनों अपनी रिलीज के लिए तैयार फिल्म ‘मातृ द मदर’ के प्रोमोशन में जुटी है। इसी दौरान  हुई खास बातचीत में रवीना ने अपनी फिल्म के अलावा निजी जिंदगी से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए। इन दिनों बालीवुड के कई कलाकार अपनी ऑटोबायोग्राफी लिख रहे हैं। ऐसे में जब रवीना से पूछा गया कि क्या वह कभी अपनी आत्मकथा लिखेंगी? इस पर रवीना कहती हैं कि अगर उन्होंने आत्मकथा लिखी तो हंगामा खड़ा हो जाएगा। लोगों को अपना मुंह छिपाने की जगह नहीं मिलेगी।

रवीना कहती हैं?

जी हां, मुझे मेरी आत्मकथा लिखने के लिए अप्रोच किया गया है, लेकिन मेरे साथ प्रॉब्लम यह है कि अगर मैंने अपनी आत्मकथा लिखी तो बहुत सारे लोग छुपना शुरू कर देंगे। मुझे लगता है मैं लोगों को बचाते हुए सेफ ऑटोबायोग्राफी नहीं लिख पाऊंगी। अगर मैंने कभी अपनी ऑटोबायोग्राफी लिखी तो ऐसा लिखूंगी, जिसमें महिला प्रधान बातें होंगी। रवीना के बारे में यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने शादी से पहले दो बेटियों को गोद लिया था। रवीना कहती हैं, जब मैंने दोनों बच्चियों को अपने घर लाकर उनका पालन-पोषण शुरू कर दिया, तो कुछ लोगों ने मुझे कहा था कि हाय, अब क्या होगा, तुम शादी कैसे करोगी। खैर उस समय मेरे दिमाग में भी ऐसी कोई बात नहीं आई कि बच्चियों को गोद लूंगी तो मेरी शादी का क्या होगा। मेरे इस निर्णय में परिवार का पूरा सपोर्ट था।

रवीना आगे कहती हैं?

मैंने शुरू से ही अलग-अलग कई  के साथ मिल कर गर्ल चाइल्ड पर खूब काम किया है। वैसे मेरी दोनों बेटियों का जन्म मेरे सामने हुआ है। बच्चियों के माता-पिता नहीं हैं। उनके अच्छे भविष्य के लिए मुझे यह निर्णय लेना पड़ा। वैसे दोनों बेटियां मेरे कजन की हैं। अगर मैं घर से बाहर समाज सेवा कर रही हूं तो जो मेरे सामने घर में परेशान है उसकी मदद तो जरूर करूंगी। अब दोनों बेटियां मेरे परिवार का हिस्सा हैं।  मैं जब 21 साल की थी, तब एक बेटी आठ साल की और दूसरी ग्यारह साल की थी। मेरे अंदर मानवता, मदद और जरूरतमंदों के प्रति प्यार जताने की भावना मेरी मां से आई है। मैंने जब बच्चों को अपनाया था तब यह नहीं सोचा था कि आगे क्या होगा। रवीना बताती हैं एक समय ऐसा था जब वह एक साथ 30 फिल्मों में काम कर रही थीं। उन दिनों फिल्मों की कहानी लगभग एक जैसी थी, जिसमें अमीर बाप की बेटी को गरीब लड़के से प्यार हो जाता था। लगभग दो डायलॉग तो हर फिल्म में होते ही थे। पहला हीरोइन को कहना होता था बचाओ-बचाओ और दूसरा अपने पिता से व्बॉयफे्रंड के लिए लड़ने का, जो बहुत आसान था। ‘मातृ द मदर’ में रवीना एक ऐसी मां के किरदार में हैं, जो अपनी बेटी के सामूहिक बलात्कार और हत्या के बाद इनसाफ  की लड़ाई लड़ती हैं। उनकी इस लड़ाई में पुलिस तो क्या उनके पति तक उनका साथ छोड़ देते हैं। केस वापस लेने की धमकी के बाद रवीना का कानून पर से भरोसा उठ जाता है, जिसके बाद वह अपने तरीके से ही गुनहगारों को सबक सिखाती हैं। फिल्म 21 अप्रैल को रिलीज के लिए तैयार है।


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