सास लगे सहेली

By: Apr 23rd, 2017 12:05 am

ऐसी कोई समस्या नहीं होती, जिसका समाधान न हो। बस दृढ़ इच्छा होनी चाहिए। कुछ विवेक और समझदारी से समस्या को सुलझाया जा सकता है। बहुएं अपने फर्ज से मुंह न मोडें़। यह सच है कि आज उनकी व्यवस्थाएं अधिक बढ़ गई हैं। घर बाहर की दोहरी जिम्मेदारी निभा रही हैं। ऐसे में वक्त की कमी तो रहती है। पति देव भी मसरूफियत के चलते घर चलाने में उनकी ज्यादा मदद नहीं कर सकते, लेकिन अगर आपकी सास शारीरिक रूप से फिट हैं, तो उनकी मदद लेने में हर्ज नहीं बशर्ते वह यह सब करने में खुश हों। आम तौर पर सासें गृह कार्यों में पूरी मदद करती हैं क्योंकि उनके पास अनुभवों का खजाना होता है। उन्हें काम अच्छे ढंग से निपटाना आता है।  बहुओं को चाहिए कि वे  सास की भावनाओं का ख्याल रखें। वे भी घर की मालिकिन हैं, उनके ऐसा महसूस करने में बाधक न बनें। उन्हें क्या बात खुशी देती, ध्यान रखें। उनकी राय को महत्त्व देते हुए उनसे राय- मशविरा भी लेती  रहें, उन्हें अच्छा लगेगा। इस रिश्ते को निभाने के लिए इसे समझना बहुत जरूरी है। होता यह है कि बहुएं सास के प्रति पूर्वाग्रह लिए ससुराल आती हैं। शुरुआत ही जब गलत हो, तो सब बिगड़ता नजर आता है। दुश्मन बन कर नहीं  पॉजिटिव थिंकिंग लेकर ससुराल जाएं। सुर से सुर और तरंग से तरंग मिलेगी एक ही वाइब्रेशन पर होंगी आप और आपकी सखी-मां, यानी सास। आज दोस्ती के रिश्ते में ज्यादा जोर दिया जा रहा है क्योंकि रिश्ते में खुलापन है। केवल मन का बंधन ही है, जो रिश्ते की जान होता है जिस पर लंबा रिश्ता टिक  जाता है।

उषा जैन, ‘शीरी’


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