साहित्य की समझ जरूरी

By: Apr 12th, 2017 12:07 am

cereerसीमा शर्मा संस्थापक, हिमाचल संस्कृति शोध संस्थान एवं नाट्य रंगमंडल, मंडी

रंगमंच में करियर संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने सीमा शर्मा से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

रंगमंच में करियर का क्या स्कोप है?

रंगमंच से ही फिल्म, टेलीविजन, रेडियो, लेखन व अन्य क्षेत्रों के रास्ते खुलते हैं। बालीवुड और टीवी सीरियल की दुनिया के किसी भी बड़े नाम को देख लीजिए, सभी रंगमंच से हैं। अभिनय के अलावा थियेटर, फिल्म और बालीवुड में भी विकल्प हैं।

आधुनिकीकरण के युग में आज रंगमंच कहां खड़ा है?

कलाकार किसी भी क्षेत्र में जाए, उसकी नींव रंगमंच ही है। आज कंपीटीशन बहुत है और ऐसे में रंमंगच के मझे हुए कलाकार ही बालीवुड, टेलीविजन या किसी भी क्षेत्र में कामयाब हैं। इस युग में रंगमंच मजबूती से उभरा है।

इस करियर के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए?

रंगमंच में करियर बनाने के लिए कम से कम ग्रेजुएट होना तो जरूरी है। ग्रेजुएशन के बाद ही एनएसडी, एफटीआईआई व अन्य नामी संस्थानों में दाखिला मिलता है। इसके अलावा सरकार की तरफ से भी छात्रों को 12 से 20 हजार रुपए तक की स्कॉलरशिप और फेलोशिप दी जाती है।

रंगमंच का पाठ्यक्रम चलाने वाले प्रमुख संस्थानों बारे बताएं।

सरकार की तरफ से एनएसडी और एफटीआईआई सरीखे संस्थान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा पंजाब यूनिवर्सिटी, मान सिंह तोमर विश्वविद्यालय ग्वालियर सहित कुछ यूनिवर्सिटी हैं, जो थियेटर पढ़ाती हैं। मंडी में सांस्कृतिक शोध संस्थान एवं नाट्य रंगमंडली नाम से हमारा अपना संस्थान है। आज रंगमच का दायरा सीमित नहीं है। एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ डामा) और एफटीआईआई (फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया) जैसे सरकार के प्रतिष्ठित संस्थानों व अन्य इंस्टीच्यूट से पढ़ाई कर युवा बेहतर करियर बना रहा है।

रोजगार के अवसर किन क्षेत्रों में उपलब्ध हैं।

रंगमंच का दायरा बहुत बड़ा है। इसमें केवल अभिनय ही नहीं आता। सीखने के बाद आप अपने इंटरेस्ट और प्रतिभा के मुताबिक अभिनय, डिजाइनिंग, स्टेज लाइटिंग और डायरेक्शन कोई भी क्षेत्र चुन सकते हैं। रेडियो, टीवी, फिल्म, थियेटर के विकल्प भी खुले रहते हैं।

रंगमंच के लिए युवा में क्या खास व्यक्तिगत गुण होने चाहिए।

सीखने की ललक, धैर्य और समझ, ये तीन जीचें बहुत जरूरी हैं। आज के युग में प्रतिस्पर्धा बहुत है। ऐसे में सीखने की ललक के साथ-साथ  धैर्य का साथ देना पड़ता है। साहित्य प्रेम और समझ भी खास व्यक्तिगत गुण हैं। ये सभी चीजें रंगमंच के क्षेत्र के लिए जरूरी हैं।

आमदनी इस क्षेत्र में कितनी होती है?

आमदनी तो हर क्षेत्र में पद, अनुभव और प्रतिभा के हिसाब से ही मिलती है। इस क्षेत्र में भी अपना काम अच्छे से जानने वाले 20 हजार से 50 हजार रुपए महीना आमदनी अर्जित करते हैं।

युवाओं को करियर के इस फील्ड में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

शुरुआत तो आसान नहीं है। कुछ साल लर्निंग पीरियड मान कर चलना पड़ता है। यही सबसे बड़ी चुनौती युवाओं के सामने होती है क्योंकि भागदौड़ की इस जिंदगी में सभी सब कुछ जल्दी से चाहते हैं। साहित्य के ज्ञान का अभाव भी बड़ी दिक्कतें पेश करता है। इसके अलावा फोकस और आप कौन सी फील्ड के लिए बने हैं, यह स्पष्ट होना बहुत जरूरी है और यही चुनौती है।

जो युवा इस करियर में पदार्पण करना चाहते हैं, उनके लिए कोई प्रेरणा संदेश दें।

मेरी ओर से युवाओं को यही संदेश है कि इस क्षेत्र में आने से पहले अपने क्षेत्र की मिट्टी और पहचान से जुडं़े। उसके बाद धीरे-धीरे दूसरी चीजों और बाहर के थियेटर को समझें। इस क्षेत्र में आने से पहले लक्ष्य बना लें कि आप करना क्या चाहते हैं।

– आशीष कुमार, मंडी


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