सुकून पाने केरल पहुंचे वीरभद्र सिंह

By: Apr 25th, 2017 12:04 am

NEWSशिमला— मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह केरल व कोयंबटूर के अपने निजी दौरे से मंगलवार को दिल्ली लौटेंगे। मंगलवार को उनका शिमला लौटने का कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री के साथ उनके परिजन भी गए हैं। केरल में सोमवार को मुख्यमंत्री द्वारा 1200 वर्ष पुराने शक्तिपीठ में पूजा अनुष्ठान करने की सूचना है। केरल के पालक्काड़़ क्षेत्र में जहां मुख्यमंत्री गए हैं, उसे मंदिरों का ही नगर कहा जाता है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने परिजनों के साथ केरल की प्रमुख सैरगाहों में भी सुकून से समय बिताया। पालक्काड़ केरल का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। पालक्काड़ को केरल का द्वार भी कहा जाता है जो इसकी सुंदरता को देखते हुए सार्थक प्रतीत होता है। नारियल के पेड़ों और धान के खेतों से सजी इस जगह पर जंतुओं और वनस्पति की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। इसका नाम पाला और कडु से मिलकर बना है। ऐसा माना जाता है कि एक जमाने में इस जगह पाला के बहुत से पेड़ थे। यहां घाटी, पहाड़, नदी, जंगल, बांध, मंदिर, सभी कुछ है। इस कारण प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक यहां आते हैं।

देवी वडकांतरा नायिका कण्णगी का हैं अवतार

देवी वडकांतरा तमिल महाकाव्य शिलाप्पधिकरम की नायिका कण्णगी का अवतार हैं। इस मंदिर की परंपरा है कि रोज शाम छह बजे मंदिर प्रांगण में आतिशबाजी छोड़ी जाती है। यह मंदिर चुन्नबुतर के पास है, जहां का रास्ता जयमेडु से होकर जाता है। यहां का मुख्य उत्सव वलिया वेला है, जो तीन साल में एक बार मनाया जाता है। इस उत्सव में 15 हाथी भी शामिल होते हैं।

 

यहां यह है खास

1200 वर्ष पुराने मनप्पुल्लिकावु भगवती मंदिर में आसपास के चार गांवों के लोग यह वेला मनाने आते हैं। इस दौरान देवी के वन दुर्गा, भद्रकाली अवतार की रक्तपुष्पांजली, देवी पूजा और आतिशबाजी से आराधना की जाती है। यह उत्सव वृश्चिकरम और कुंभम महीने में मनाया जाता है।


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