आतंकी पाकिस्तान के साथ अब हो जाए दो-दो हाथ

By: May 22nd, 2017 12:05 am

बंगाणा —  कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत थानाकलां के गांव मंझेड़ के सेवानिवृत्त ऑनरेरी कैप्टन गुमान चंद चौहान 13-डोगरा रेजिमेंट से 34 वर्ष तक सेवाएं दे चुके हैं। देश में बढ़ रहे आतंकवाद से ऑनरेरी कैप्टन चिंतित हैं। जब भी सेना पर आतंकवादी हमले होते हैं तो सेवानिवृत्ति के बाद भी एक बार फिर से बंदूक उठाने का जोश आ जाता है। देश की सीमा पर आतंकवाद करने के लिए केंद्र सरकार को सख्त रवैया अपनाना चाहिए। दुश्मन देश को ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए। देश में आतंकवाद फैला रहे दुश्मन देशों के साथ आर-पार की लड़ाई होनी चाहिए। ऑनरेरी कैप्टन गुमान चंद फौजी परिवार से संबंधित हैं। जहां एक ओर गुमान चंद के पिता महाजन राम भी बलोच रेजिमेंट में सेवाएं दे चुके हैं। वहीं, दूसरी ओर दो छोटे भाई सूबेदार प्यार सिंह, दलीप सिंह भी सेना में ही सेवाएं दे चुके हैं। अहम बात यह है कि इनकी तीसरी पीढ़ी भी सेना में रहकर देश की सेवा कर रही है। गुमान चंद का पोता रिषभ चौहान भी सेना में ही सेवाएं दे रहा है। यह एक ऐसा परिवार है जो दशकों से देश सेवा कर रहा है। देश सेवा करने से कभी पीछे नहीं रहते हैं। पोता रिषभ चौहान भी परिवार से प्रेरणा लेकर इस कार्य को आगे बढ़ा रहा है। बता दें कि ऑनरेरी कैप्टन गुमान चंद चौहान ने हमीरपुर जिला के तहत टौणीदेवी स्कूल में शिक्षा ग्रहण की। 1952 में ब्वाय कंपनी में सेना में भर्ती हुए। डोगरा रेजिमेंट सेंटर मेरठ में वर्ष 1955 में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद इनकी पहली पोस्टिंग ओयल कैंप हिमाचल प्रदेश में हुई। बाद में जे एंड के में भी सेवाएं दीं। सेना में रहते हुए उन्होंने वर्ष 1961 में गोवा को पुर्तगालियों के शासन से मुक्त करवाने में अहम भूमिका निभाई। वर्ष 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के दौरान ईटानगर के समीप दोरांग नामक स्थान पर सेवाएं दीं। मौजूदा समय में उन्होंने नायक होते हुए भी प्लाटून कमांड का जिम्मा संभाला। वर्ष 1964 में आर्मी स्कूल में हवलदार इंटक्टर (वैपन आफिसर डिवीजन) ज्वाइन किया।

यह है सरकार से उम्मीद

ऑनरेरी कैप्टन गुमान चंद चौहान का कहना है कि केंद्र सरकार को चाहिए कि सेना को खुली छूट देनी चाहिए, ताकि आतंकवादियों का सफाया किया जा सके। मौके पर ही आर्मी को निर्णय लेने की भी जिम्मेदारी देनी चाहिए, ताकि आतंकवाद दोबारा सिर नहीं उठाना चाहिए। जे एंड के में पत्थरबाजों के खिलाफ सरकार को उचित कार्रवाई करनी चाहिए, साथ ही देशद्रोही माना जाए। उन्होंने कहा कि जे एंड के को दिया गया विशेष दर्जा भी वापस ले लेना चाहिए।

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