काश! दादी के बीमार होते ही जाग जाते

By: May 28th, 2017 12:05 am

बालीचौकी – बालीचौकी क्षेत्र की ग्राम पंचायत खलवाहन के सुधराणी गांव में उल्टी दस्त से हुई चार वर्ष के बच्चे की मौत ने फिर से स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं पर सवाल खडे़ कर दिए हैं। समय रहते स्वास्थ्य विभाग नहीं जागा और नतीजा यह हुआ कि चार साल के तनिष्क की मौत बालीचौकी अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई। यही नहीं तनिष्क की दादी नीमू देवी भी उल्टी-दस्त से पीडि़त है और उसे एक दिन पहले बालीचौकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।  बालीचौकी अस्पताल के डाक्टर भी इस बात को मान रहे हैं कि पिछले कई दिनों से खलवाहण, सुधराणी और थाची क्षेत्र से डायरिया पीडि़त मरीज लगातार आ रहे हैं। वहीं सूत्रों के मुताबिक उक्त क्षेत्र में दूषित पेयजल की वजह से डायरिया के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं। माना जा रहा है कि इस केस में तनिष्क के परिजन भी गंभीर नहीं दिखे हैं। बताया जा रहा है कि चार साल का तनिष्क तीन दिन से डायरिया से पीडि़त था और उसका इलाज घर पर ही परिजन करवा रहे थे। शनिवार को ही उसके पिता चेतन कुमार और मां सीमा देवी बालीचौकी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक तनिष्क की मौत हो चुकी थी। बालीचौकी की डाक्टर रेवा ठाकुर ने बताया कि बच्चे को अस्पताल लाने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी।

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