तीन लाख आय वालों को भी कानूनी सुविधा

By: May 24th, 2017 12:02 am

यमुनानगर  – हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा जरूरतमंद लोगों को दी जाने वाली निःशुल्क कानूनी सुविधाओं के लिए निर्धारित आय सीमा को डेढ़ लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए वार्षिक कर दिया गया है। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण यमुनानगर के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदीप जैन ने बताया कि विधिक सेवाएं प्राधिकरण का उद्देश्य लोगों को सस्ता व सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है, ताकि कोई जरूरतमंद व्यक्ति आर्थिक साधनों के अभाव के कारण न्याय से वंचित न रहे। प्राधिकरण द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के सदस्यों, मानव दुर्व्यवहार के शिकार लोगों, बेगार के शिकार व्यक्ति, महिलाओं एवं बच्चों, सामूहिक विनाश के प्रभावित व्यक्ति जैसे जातीय हिंसा, बाढ़, भूकंप, औद्योगिक श्रमिक कारागार व किशोर सुधार गृहों में बंद व्यक्ति, दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति, भूतपूर्व सैनिक तथा ऐसे व्यक्तियों के परिवारों जो युद्ध में मारे गए हों, दंगा पीडि़त तथा आंतकवाद पीडि़त, स्वतंत्रता सेनानी तथा वह सभी लोग जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपए से कम हों, उनको मुफ्त कानूनी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। उच्च न्यायालय स्तर पर प्रार्थना पत्र हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण चंडीगढ़ के सदस्य को देना होगा। उपमंडल स्तर पर प्रार्थना पत्र अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश, वरिष्ठ श्रेणी, वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी एवं उपमंडल विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष को देना होगा। इस प्रार्थना पत्र में पीडि़त व्यक्ति को अपने साथ हुए अन्याय या मुकद्दमें का संक्षिप्त विवरण, नाम, आय की सीमा इत्यादि लिखकर देना होगा। इसके साथ ही पीडि़त व्यक्ति को अपनी वार्षिक आय के बारे में शपथ पत्र भी सलंग्ति करके देना होगा। विवेक गोयल ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि वे जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क कानूनी सहायता का लाभ उठाएं, ताकि इसके उद्देश्य को सफल किया जा सके।

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