न आए बुढ़ापा

By: May 28th, 2017 12:05 am

यह एक आम अनुभव है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारी कुछ क्षमताएं कम होने लगती हैं। पर अब वैज्ञानिक और विशेषज्ञ ऐसे उपायों की खोज में लगे हैं जिनके कारण कुछ लोग अस्सी वर्ष की आयु के बाद भी चुस्त और तंदुरुस्त बने रहते हैं। वहीं कुछ कम उम्र के लोग भी समय से पहले ही बूढ़े और कमजोर दिखने लगते हैं। यहां कई नई रिसर्च से समेटी गई कुछ ऐसी जानकारियां हैं, जो आपके जीवन में सक्रियता से भरे कई और साल जोड़ सकती हैं।  ज्यादा जीने वाले सभी लोग जीवनभर भूख से कुछ कम ही आहार लेते रहे हैं। औसतन ये लोग  पेट भर जाने पर ही खाना रोक दिया करते हैं। इनके कम भोजन करने और अधिक जीने में गहरा संबंध है।  कम भोजन करना एक तरह से आपका वजन कम करता है। भूख से कम भोजन आपकी थाइराइड ग्रंथियों में हारमोन का उत्पादन कम कर देता है, यही हारमोन आपके शरीर में चर्बी जलाने की क्षमता को कम करता है। शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि शरीर में हारमोन के कम उत्पादन से बूढ़े होने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। अस्सी की उम्र के बाद भी दिमागी रूप से चुस्त- दुरुस्त लोगों पर शोध करके पाया है कि उम्र के नब्बे के दशक में भी मनोवैज्ञानिक परीक्षणों में पचास वर्ष के लोगों जैसा ही प्रदर्शन करने वाले वृद्धों की मस्तिष्कीय संरचना में कम गठानें पड़ी होती हैं।  मस्तिष्क को बचाने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। कोई विदेशी भाषा सीखें, गिटार, सितार या बांसुरी बजाना शुरू कर दें। यहां तक कि नई गलियों और अनजाने रास्तों में वाहन चला कर रास्तों को याद करना भी आपके दिमाग की धीमी मौत रोक सकता है। आप बुढ़ापे में भी हल्की-फुल्की एक्सरसाइज कर सकते हैं। सुबह उठ कर थोड़ा टहलें। अपने हाथ पैर हिलाएं सूर्य प्रणाम करें। आप थोड़ी भी एक्सरसाइज करेंगे, तो भी  तंदुरुस्त दिखेंगे।

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