पशुओं के प्रति आत्मीयता जरूरी

By: May 17th, 2017 12:05 am

आदर्श कुमार

पशुपालन में करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने आदर्श कुमार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

प्रोफेसर एंड हैड सर्जरी एंड रेडियोलॉजी, वैटरिनरी कालेज कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर पशुपालन में करियर का क्या स्कोप है?

भारत एक कृषि प्रधान देश है। ग्रामीण परिदृश्य में पशुपालन आय का मुख्य स्रोत है। पशुपालन को अब वैज्ञानिक ढंग से अपनाया जा रहा है, जिसमें डेयरी व्यवसाय, पोल्ट्री उत्पादन, दूध संग्रहण आदि पर बहुत काम हो रहा है।

पशुपालन में करियर बनाने वालों के लिए आरंभिक शैक्षणिक योग्यता क्या होती है?

दस जमा दो साइंस बायोलॉजी के साथ 50 प्रतिशत नंबर होने चाहिए। कालेजों व विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा की मैरिट से चयन होता है।

कौन-कौन से स्पेशल कोर्स इस फील्ड में किए जा सकते हैं?

पशु चिकित्सक (वैटरिनरी डाक्टर) बनने के लिए पांच वर्ष का डिग्री का कोर्स है। डेयरी व्यवसाय को अपनाने के लिए बीटेक (डेयरी टेक्नोलॉजी)की डिग्री भी की जा सकती है। नए कोर्सों में बीएससी(फिशरीज)यानी मत्स्यपालन भी कुछ संस्थानों में उपलब्ध है।

रोजगार के अवसर किन क्षेत्रों में उपलब्ध हैं?

पशुपालन विभाग में चिकित्सक के रूप में सेवा प्रदान करने के साथ-साथ सेना, अर्द्धसैनिक बल, फार्मास्यूटिकल्ज में, डेयरी व फीड इंडस्ट्री में, शोध व प्रसार में उच्च शिक्षा प्राप्त कर राष्ट्रीय संस्थानों में तथा विदेशों में अच्छे शोध व शैक्षणिक संस्थानों के अनुसंधान व विकास संबंधित अवसर हैं। पशुओं के निजी क्लीनिक भी खोल सकते हैं।

आरंभिक आय इस फील्ड में कितनी होती है?

आरंभ में प्रोबेशन पीरियड में 25 हजार तक की आय की संभावना है। सरकारी नौकरी में कांट्रैक्ट पीरियड पर 25 हजार तक मिलते हैं और नियमित होने बाद रेगुलर अधिकारी का वेतन प्राप्त होता है। हिमाचल में संबद्ध कोर्स या पाठ्यक्रम कहां चलता है?

हिमाचल में पशु चिकित्सा एवं विज्ञान में स्नातक, स्नातकोत्तर व पीएचडी तक की डिग्री डा.जीसी नेगी कालेज ऑफ  वैटरिनरी एवं एनिमल साइंस, चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में उपलब्ध है।

युवाओं के लिए इस क्षेत्र में चुनौतियां क्या?

इस क्षेत्र में कुछ महत्त्वपूर्ण चुनौतियां हैं, जैसे  पशुओं से फैलने वाली बीमारियों का निवारण, कुछ महत्त्वपूर्ण बीमारियों की वैक्सीन का विकास, आधुनिक चिकित्सा पद्धति का विस्तारीकरण, डेयरी फार्मिंग को लाभप्रद बनाना, विलुप्त होती पशु आनुवंशिकी का संरक्षण इत्यादि।

जो युवा इस क्षेत्र में पदार्पण करना चाहते हैं, उनके लिए प्रेरणा संदेश दें?

पशुपालन में करियर की चाह रखने वाले युवाओं को प्रवेश परीक्षा की तैयारी जी-जान से करनी चाहिए और पशुओं के प्रति आत्मीयता व संवेदनशीलता दिखाते हुए उनकी सेवा में तत्परता दिखानी चाहिए।        -राकेश सूद, पालमपुर

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App