पशु हेल्पलाइन

By: May 4th, 2017 12:05 am

पशु को साल में चार बार दें पेट के कीड़ों की दवाई

मेरी भैंस का खाना-पीना ठीक है, परंतु सेहत नहीं बनती है, क्या करें

रवि, बिलासपुर

 ऐसा प्रतीत होता है कि आपके पशु के पेट में कीड़े हैं। अभी आप अपने पशु को पेट के कीड़ों की दवाई दें। खनिज मिश्रण 50 ग्राम प्रतिदिन ताउम्र दें। आगे से ध्यान रखें कि साल में चार बार अपने पशु को पेट के कीड़ों की दवाई दें।

मेरी बछड़ी की प्रसूति के बाद उसके तीन थनों से दूध नहीं निकल रहा है। एक थन से ठीक दूध निकल रहा है, क्या करें?

पप्पू, नेरचौक

आप अतिशीघ्र अपने पशु चिकित्सक से संपर्क कर अपने पशु का परीक्षण करवाएं। देखिए या तो तीन थनों में दूध ही नहीं बन रहा है। उनमें से  दूध नहीं निकल रहा है इसलिए या तीनों थनों में दूध बन रहा है, परंतु किसी रुकावट की वजह से निकल नहीं रहा है। यदि उनमें दूध नहीं बन रहा है तो उसका इलाज दवाई द्वारा संभव है, परंतु यदि तीनों थनों में कोई रुकावट है, तो इस रुकावट को दूर करने के लिए तीनों थनों का आपरेशन (शल्य चिकित्सा) करना पड़ेगा। इसलिए आप अतिशीघ्र अपने पशु को पशु चिकित्सक को दिखाएं, क्योंकि इलाज में देरी इन तीनों थनों को सदा के लिए खराब कर सकती है।

मेरी गाय प्रसूति होने के बाद  बैठ गई है। बीच में लेट भी जा रही है। उसका पेट भी फूल गया है, क्या करें?

—संजय, पद्धर

आपके पशु को दुग्धज्वर है। सामान्यतः यह रोग अधिक दूध देने वाले पशुओं को ब्याने के दो-तीन दिनों के अंदर ही होता है, परंतु ब्याने के पूर्व या अधिकतम उत्पादन के समय भी हो सकता है। पशु के रक्त में और फलस्वरूप मांसपेशियों में कैल्शियम की कमी इसका मुख्य कारण होता है।

लक्षण : -साधारणतः इस रोग में ज्वर नहीं होता।

-कभी-कभी स्वस्थ पशु के ताप से रोगी का ताप कुछ कम हो जाता है।

-पशु खाना-पीना छोड़ देता है। उसके कान, थन व पैर ठंडे पड़ जाते हैं।

-पशु लड़खड़ाता है व जमीन पर बैठ जाता है।

-पशु अपनी गर्दन को पीछे की ओर कर देता है, या जमीन पर सीधा खींचकर रख देता है।

-यदि इस समय पशु की गर्दन को सीधा किया जाए, तो छोड़ने पर पशु उसे फिर से पूर्ववत कर लेता है।

-पशु को सांस लेने में कष्ट होता है।

-बैठने व लेटने की वजह से पशु का पेट भी फूल जाता है।

रोकथाम : विटामिन डी की पूर्ति हेतु पशु को मौसम को देखते हुए कुछ समय धूप में भी रखना चाहिए।

-सूखा घास व चारा लाभप्रद होता है।

-इस रोग से घबराएं न व तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लें।

इलाज : आप अपने पशु को माइफैक्स/मिल्क फीवर फार्मूला/कैल्शियम बोरोग्लूकोनेट 300 एमएल आई/वी व 150 एमएल एस/सी लगवाएं।

-इंजेक्शन विटेड 10 एमएल या इंटाव्रिटा 5 एमएल लगवाएं।

इस बीमारी की रोकथाम संभव है। अगली बार जब भी आपका पशु गाभिन हो तो आप अपने पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क कर इस बारे में सलाह लें।

डा. मुकुल कायस्थ वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, उपमंडलीय पशु चिकित्सालय पद्धर(मंडी)

फोनः 94181-61948

नोट : हेल्पलाइन में दिए गए उत्तर मात्र सलाह हैं।

Email: mukul_kaistha@yahoo.co.in

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