पांच एकड़ की शर्त में दें छूट

By: May 26th, 2017 12:15 am

औषधीय खेती में रोड़ा बन रही मेडिसिनल प्लांट बोर्ड की क्लस्टर शर्त, हिमाचल ने केंद्र से की मांग

news newsशिमला  —  हिमाचल प्रदेश में औषधीय पौधों की खेती की अपार संभावनाएं हैं और यहां की जलवायु भी इन पौधों की खेती के लिए उपयुक्त है। बावजूद इसके खेती करने को लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा। राष्ट्रीय मेडिसिनल प्लांट बोर्ड की शर्त के मुताबिक क्लस्टर के तहत औषधीय पौधों की खेती करने के लिए पांच बीघा की शर्त लगाई गई है, लेकिन हिमाचल में एक साथ इतनी भूमि की व्यवस्था नहीं हो रही है। हिमाचल में किसानों की खेतें काफी छोटी हैं। ऐसे में क्लस्टर बनाने के लिए पांच बीघा की शर्त पूरी नहीं हो पा रही। इसे देखते हुए प्रदेश ने केंद्र से क्लस्टर के लिए एक बीघा तक की छूट देने की मांग की है। इस बारे में आयुर्वेदिक विभाग जल्द सरकार को प्रस्ताव भेजेगा। राज्य मेडिसिनल बोर्ड के नोडल आफि सर डा. दिनेश कुमार ने कहा कि औषधीय पौधे लगाने और राज्य में उपलब्ध जड़ी-बूटियों को बढ़ावा देने की जरूरत है और इस दिशा में प्रयास जारी है। किसानों को यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि किस उत्पाद को लगाना लाभदायक है। उनका कहना था कि मेडिसिनल प्लांट बोर्ड इस दिशा में कार्य कर रहा है।

कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण

आयुर्वेद को बढ़ावा देने और लोगों को आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रदेश आयुर्वेद विभाग एक नई पहल करने जा रहा है। इसके तहत प्रदेश भर में जितने भी आयुर्वेदिक संस्थान हैं, वहां आसपास की खाली जगहों पर औषधीय पौधों की खेती की जाएगी और किचन गार्डन विकसित किए जाएंगे। इनकी देखभाल करने के लिए संस्थानों के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभाग ने सभी आयुर्वेदिक संस्थान को निर्देश जारी कर दिए हैं कि संस्थानों के बाहर विभाग के अधीन जो जगह है, वहां हर्बल गार्डन विकसित करने की प्रक्रिया को लेकर जल्द औपचारिकताएं पूरी करें।

स्कूलों में भी चलेगा कार्यक्रम

विभाग की ओर से जल्द ही स्कूलों में भी एक कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके तहत विभाग स्कूली बच्चों को बताएगा कि औषधीय पौधों को अपनी रोज की डाइट में किस तरह प्रयोग कर बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है।

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