पाकिस्तान मौत का कुआं
जबरन शादी के बाद बुरी तरह फंसी उजमा ने स्वदेश पहुंच कर ली राहत की सांस
अमृतसर, नई दिल्ली— पाकिस्तान में विवाह के लिए मजबूर की गई सुश्री उजमा अहमद ने गुरुवार को स्वदेश लौटने पर राहत की सांस लेते हुए कहा कि पाकिस्तान में जाना आसान है, लेकिन वहां से वापस आना बेहद मुश्किल है, क्योंकि वह ‘मौत का कुआं’ है। उजमा ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ संवाददाता सम्मेलन में अपनी दर्द भरी दास्तां सुनाते हुए कहा कि वह स्वदेश लौटने पर काफी खुश है और इसके लिए श्रीमती स्वराज तथा इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग और उप उच्चायुक्त जेपी सिंह की आभारी है। उसने कहा कि श्रीमती स्वराज ने मुझे हर मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि तुम हिंदोस्तान की बेटी हो और मेरी बेटी के समान हो तथा जल्द ही सब ठीक हो जाएगा। उसने कहा कि वह अपने दोस्त ताहिर अली के बुलावे पर पहलीमई को पाकिस्तान गई थी और उसका 10 से 12 मई तक स्वदेश लौटने का कार्यक्रम था, लेकिन वहां स्थिति अचानक बदल गई। ताहिर उसे तालिबान के वर्चस्व वाले प्रांत रहे बुनेर में ले गया और उससे जबरन विवाह किया। उसने कहा कि मुझे नहीं पता कि मुझे कब नींद की गोली दी गई और कब मैं सोई। मुझे मारा और डराया-धमकाया। मैंने डर के मारे और अपनी बेटी की खातिर निकाहनामे पर हस्ताक्षर किए। उजमा ने कहा कि बुनेर में अजीब से लोगों के बीच उसे रखा गया, जो अजीब सी भाषा बोल रहे थे। हर घर में हर व्यक्ति की दो या उससे अधिक पत्नियां थीं तथा ताहिर के घर में बंदूक और पिस्तौल थी। उसे लग रहा था कि यदि वह वहां रही तो या तो उसे मार दिया जाएगा या बेच दिया जाएगा। उजमा ने कहा कि बुनेर में मेरी जैसी बहुत महिलाएं हैं लेकिन उसे नहीं पता कि वे भारत की हैं या कहां की हैं। उसने कहा कि पता नहीं वह किस तरह ताहिर को भारतीय उच्चायोग में ले आई और उच्चायोग के अधिकारियों से अपनी जान की गुहार लगाई। उच्चायोग के अधिकारियों और विशेष रूप से श्री सिंह ने उस पर विश्वास किया और उसे शरण दी। उच्चायोग ने ही वकील के माध्यम से न्यायालय में अपील डाली और मुकदमा लड़ा, जिससे उसकी वतन वापसी हो सकी। पाकिस्तान को मौत का कुआं बताते हुए उसने कहा कि वहां जाना आसान है, लेकिन आना बेहद कठिन है और परिवार की सहमति से विवाह कर वहां गई भारतीय महिलाओं की भी हालत बुरी है और वे बहुत दुखी हैं। उसने कहा कि पाकिस्तान के नाम से उसके मन में खौफ पैदा होता है और वह किसी को वहां जाने की सलाह नहीं देंगी। महिलाओं को छोडि़ए पाकिस्तान में तो आदमी भी सुरक्षित नहीं हैं। उसने कहा कि वह बुनेर में फंसी महिलाओं को छुड़ाने के लिए कुछ न कुछ उपाय जरूर करेंगी। जिस तरह से मेरी जान बची है, वैसे ही यदि एक महिला को भी वहां से बचा लिया जाता है तो बड़ी उपलब्धि होगी। इससे पहले, उजमा गुरुवार को वाघा बार्डर के जरिए वापस भारत आईं। घर वापसी पर बेहद खुश उजमा ने वाघा बार्डर पर देश की धरती को छूकर सलाम किया। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की है। सुषमा ने लिखा कि उजमा, भारत की बेटी का अपने घर में स्वागत है। तुम्हें जिन तकलीफों से गुजरना पड़ा, उसके लिए मैं माफी चाहती हूं।
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