पोल-खोल रिजल्ट

By: May 13th, 2017 12:01 am

( कुणाल वर्मा, नाहन )

यह पहली बार नहीं हुआ कि शिक्षा बोर्ड के रिजल्ट ने सरकारी स्कूलों की पोल खोली हो। 2500 सरकारी स्कूलों में सिर्फ एक छात्रा मैट्रिक की मैरिट सूची में आती है, तो समझो सरकारी स्कूलों में सब रामभरोसे ही चल रहा है। सरकार ने इस बार सबसे ज्यादा बजट शिक्षा के लिए ही दिया है और शिक्षा के हाल देख लो।  जितना ज्यादा बजट उतनी कमजोर शिक्षा। कोई मंथन करना नहीं चाहता। न सरकार, न अध्यापक और न अभिभावक कि आखिर हर साल मैरिट में प्राइवेट स्कूल ही आगे क्यों रहते हैं। क्या निजी स्कूलों के अध्यापक ज्यादा प्रशिक्षित होते हैं, जो छात्रों को मैरिट में ला खड़ा करते हैं। बस शिक्षा विभाग द्वारा खराब रिजल्ट देने वाले स्कूलों से जवाब मांगा जाता है कि बताएं कि रिजल्ट खराब क्यों रहा। भला शिक्षा विभाग को नहीं पता कि रिजल्ट खराब क्यों रहा। समय पर शिक्षक नियुक्त किए होते , तो रिजल्ट ठीक रहता, पर वह अपना किया कराया स्कूल पर थोप देता है।

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