पौंग झील से हटाए जाएं प्रवासी गुज्जर

By: May 26th, 2017 12:05 am

जवाली – उपमंडल जवाली के अंतर्गत पौंग बांध की खाली जमीन किनारे पशुओं को चराने हेतु पहुंच रहे प्रवासी गुज्जरों के कारण स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है। प्रवासी गुज्जरों के पंजीकरण को लेकर भी लोगों में असमंजस की स्थिति है। बुद्धिजीवियों विहिप जिला मंत्री सुरेश गुलेरिया, हरसर पंचायत प्रधान देसराज, पूर्व प्रधान हाकम सिंह, अनिता चौधरी, पनालथ पंचायत उपप्रधान रविंद्र कुटलेहडि़या, प्रदीप कुमार, संजीव कुमार, विजय कुमार, संतोष कुमार, हरपाल सिंह, सुशील कुमार, रमेश चंद, मनजीत कुमार इत्यादि ने कहा कि प्रवासी गुज्जरों का हर बार पौंग बांध के किनारे आने पर विरोध किया जाता है तथा प्रवासी गुज्जरों के आने पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को लिखित रूप से अवगत करवाया जाता है, परंतु उस समय तो वादा किया जाता है कि आगे से प्रवासी गुज्जरों को नहीं आने दिया जाएगा, लेकिन हर वर्ष दोबारा से प्रवासी गुज्जर पौंग बांध के किनारे खाली पड़ी जमीन पर पशुओं को चराने के लिए पहुंच जाते हैं। लोगों ने कहा कि मौजूदा समय में हरसर, सिद्धाथा, नूर, चलवाड़ा, फतेहपुर, बनाल व नगरोटा सूरियां इत्यादि क्षेत्रों में प्रवासी गुज्जरों के डेरों को देखा जा सकता है। बुद्धिजीवियों का कहना कि प्रवासी गुज्जरों की भैसों इत्यादि का हजारों टन गोबर भी पौंग झील के पानी में मिलकर उसे दूषित करता है।  पंजाब, जम्मू इत्यादि राज्यों से प्रवासी गुज्जर हिमाचल में प्रवेश करते हैं और करीब  तीन-चार माह तक पौंग झील के किनारे डेरा जमाए रखते हैं। ज्यों तो कोई भी प्रवासी बिना पंजीकरण के हिमाचल में कहीं भी नहीं रह सकता है, परंतु प्रवासी गुज्जरों द्वारा शायद ही थाना में पंजीकरण करवाया गया है। बुद्धिजीवियों ने प्रशासन से मांग की है कि प्रवासी गुज्जरों को पौंग झील के किनारे खेदड़ा जाए। साथ ही उनके पंजीकरण भी चैक किए जाएं। इस बारे में डीएसपी जवाली धर्म चंद वर्मा ने कहा कि कोई भी प्रवासी बिना पंजीकरण नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि प्रवासी गुज्जरों का पंजीकरण चैक किया जाएगा और अगर कोई बिना पंजीकरण रहते पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

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