बारूद के ढेर पर उद्योग

By: May 19th, 2017 12:01 am

बिना एनओसी चल रहे बीबीएन के 1500 कारखाने

बीबीएन —  औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के उद्योग बारूद के ढेर पर खड़े हैं। हालात ये हैं कि बीबीएन में हर साल दर्जनों उद्योग आग की भेंट चढ़ रहे हैं, लेकिन उद्योगपति  कोई सबक नहीं ले रहे। बीबीएन के बेपरवाह उद्यमी सुरक्षा इंतजामों को लेकर कितने संजीदा हैं, इसकी पोल अग्निशनमन विभाग के आंकड़े बखूबी खोल रहे हैं। आंकड़े बयां कर रहे हैं कि बद्दी-बरोटीवाला व नालागढ़ के करीबन 1500 उद्योग अग्निशमन विभाग की एनओसी के बिना चल रहे हैं। इसके अलावा सैकड़ों उद्योग ऐसे भी हैं, जिन्होंने एनओसी लेने के बाद रिन्यूवल नहीं करवाया है। नियमानुसार दो साल के अंतराल के बाद एनओसी रिन्यूवल की जाती है। अग्निशमन विभाग इन लापरवाह उद्योगों के आगे इसलिए असहाय है, क्योंकि उनके पास ऐसी कोई आधिकारिक शक्तियां ही नहीं हैं, जिससे इन पर शिकंजा कसा जा सके। उद्योगपति भी अग्निशमन विभाग की कमजोरी से वाकिफ हैं, इसलिए एनओसी को लेकर कभी संजीदगी नहीं दिखाते। आंकड़े बयां कर रहे हैं कि बीबीएन के करीब 2400 उद्योगों में से महज 910 उद्योगों के पास ही अग्निशमन विभाग की एनओसी है। बताते चले कि बीबीएन में करीबन 2400 बड़े, छोटे उद्योग हैं। जिनमें से 10 फीसदी बड़े उद्योग हैं, जिनमें सभी उद्योगों में एनओसी है। 40 फीसदी मध्यम श्रेणी के उद्योग हैं, इनमें से 20 फीसदी उद्योगों ने अग्निशमन विभाग से एनओसी ली है। इसके अलावा 50 फीसदी लघु उद्योग हैं, जिसमें से मात्र 10 फीसदी ने ही एनओसी लेना मुनासिब समझा है। दरअसल अग्निशमन विभाग ने उद्योगों को एनओसी देने से पूर्व सुरक्षा इंतजामों के लिहाज से कुछ शर्तें रखी हैं, जिसके तहत फायर हाइडेंरट, एमर्जेंसी एक्जिट, फायर अलार्म, 500 स्क्वेयर मीटर से ज्यादा के प्लाट पर बसे उद्योगों में एक लाख लीटर क्षमता का पानी का टैंक, केमिकल व अन्य ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों में फ ोम मानिटर, उद्योगों के चारों तरफ पर्याप्त जगह आदि की व्यवस्था को कहा जाता है। अग्निशमन विभाग उद्योग और अन्य किसी भी संस्था के भवन का निरीक्षण ही कर सकता है और यह भी संस्थान के बुलाने पर। यदि कहीं अवहेलना हो रही हो तो विभाग सिर्फ मूकदर्शक बनकर उन्हें हिदायतें व सुझाव दे सकता है, उन्हें बाध्य नहीं कर सकता।

न फायर हाइड्रेंट, न ही अलार्म

अग्निशमन अधिकारी नालागढ़ हितेंद्र कंवर ने बताया कि उनके कार्यालय से करीब 200 उद्योगों ने ही एनओसी ली है, उद्योग आगजनी की सूरत में जरूरी सुरक्षा इंतजामों को लेकर संजीदा नहीं हैं। अकसर देखने में आया है कि उद्योगों में सेट बैक प्रॉपर नहीं छोड़ा जाता, न ही फायर हाइडें्रट, फायर अलार्म लगाए जाते हैं।

शर्तें सुनकर आते ही नहीं उद्यमी

अग्निशमन विभाग बद्दी के अधिकारी प्रकाश चंद ने बताया कि उनके कार्यालय से 710 उद्योगों ने ही एनओसी ली है। जिन उद्योगों के पास एनओसी नहीं है, उन्हें लिखित रूप से अवगत करवाया जा रहा है। उद्योगपति एक दफा एप्लीकेशन लेकर आते हैं और एनओसी के लिए जरूरी शर्तें व नियम सुनने के बाद खर्चे के चक्कर में वापस नहीं आते।

सुरक्षा इंतजाम महज कागजी

आगजनी की सूरत में सुरक्षा उपाय महज कागजी हैं। औद्योगिक क्षेत्रों के बड़े क्षेत्रफल और अग्निशमन केंद्रों की दूरी देखते हुए किसी भी उद्योग को बचाना मुश्किल नहीं, असंभव है। हालात यह है कि न यहां उद्योगों में आगजनी से बचाव के पुख्ता इंतजाम हैं और न ही दमकल केंद्रों में क्षेत्र के हिसाब से सुविधाओं को स्तरोन्नत किया गया है।

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