बैरी के नीरज को नेशनल अवार्ड

By: May 22nd, 2017 12:03 am

बर्फानी क्षेत्रों पर शोध के कारण कोच्चि में मिला सम्मान

newsबिलासपुर —  डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट आर्गेनाइजेशन चंडीगढ़ में कार्यरत बिलासपुर के बैरी क्षेत्र के युवा वैज्ञानिक नीरज शर्मा को बर्फानी क्षेत्रों पर शोध कार्य के लिए नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। कोच्चि में डीआरडीओ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में डीआरडीओ के चेयरमैन एवं सेके्रटरी डिफेंस आर एंड डी डा. एस क्रिस्टोफर ने उन्हें इस सम्मान से नवाजा है। नीरज शर्मा हिमाचल के  ऐसे पहले युवा वैज्ञानिक हैं, जिन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। बैरी बरमाणा के प्रमुख व्यवसायी दीपक शर्मा व मीरा शर्मा के इकलौते पुत्र नीरज शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा डीएवी स्कूल बरमाणा से हुई है। इसके  बाद उनका चयन एनएआईआईटी हमीरपुर में हुआ। यहां से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद उनकी सिलेक्शन वर्ष 2003 में डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट आर्गेनाइजेशन में हुआ और यहीं से उनकी पहली पोस्टिंग डिफेंस इंस्टीच्यूट ऑफ अर्मामेंट टेक्नोलॉजी पुणे में हुई। वर्ष 2004 में उन्हें यहां से स्नो एंड एवलांच स्टडी एस्टेब्लिश ब्रांच में भेजा गया। यहीं रहते हुए उन्होंने बफार्नी क्षेत्रों पर शोध कार्य करना शुरू किया, जिसमें उत्तरी पश्चिमी हिमाचल के क्षेत्र सहित सियाचिन ग्लेशियर भी शामिल था। गौर हो कि 13 वर्षों के लंबे करियर में नीरज शर्मा के 11 रिसर्च पेपर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रकाशित हुए हैं। वह कई प्रोफेशनल सोसायटियों के आजीवन सदस्य भी हैं। इससे पहले भी उन्हें वर्ष 2015 में डीआरडीओ नेशनल टेक्नोलॉजी मेडल से नवाजा जा चुका है। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है।

रमेश-ओम को ‘आजीवन सम्मान’

गेयटी में हिमालय साहित्य मंच ने नवाजे साहित्यकार

शिमला  —  हिमालय साहित्य और संस्कृति मंच की ओर से रविवार को गेयटी में सम्मान सामरोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर विवि कुलपति एडीएन बाजपेयी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने सम्मान पाने वाले साहित्यकारों को बधाई देकर कहा कि संस्कृति को सहेजने में साहित्यकारों का उल्लेखनीय योगदान है। वरिष्ठ लेखक रमेश चंद्र शर्मा और डा. ओम चंद हांडा को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य और अस्सी पार की उम्र में भी सक्रियता से कार्य करते रहने के दृष्टिगत ‘आजीवन उपलब्धि सम्मान’ तथा युवा लेखिका डा. प्रियंका वैद्य को ‘युवा सृजन सम्मान’ से नवाजा गया। मंच के अध्यक्ष एसआर हरनोट ने बताया कि 88 वर्षीय रमेश चंद्र शर्मा ने बतौर आईएएस अधिकारी बहुत से महत्त्वपूर्ण पदों पर सेवारत रहते हुए तीन उपन्यास, दो कहानी संग्रह, चार नाटक, चार काव्य संग्रह लिखे हैं और कई अंग्रेजी तथा हिंदी की पत्रिकाओं का संपादन किया है। 21 मार्च, 1929 को जिला सोलन के टकसाल गांव में जन्मे रमेश चंद्र शर्मा की साहित्यिक गोष्ठियों में उपस्थिति देखते ही बनती है। उनका एक उपन्यास प्रकाशनाधीन है। हिमालय मंच के अध्यक्ष ने कहा कि डा. ओमचंद हांडा ऐसे प्रख्यात विद्वान लेखक और शोधकर्ता हैं, जिनकी निरंतर हिमालय की सांस्कृतिक धरोहर कला, इतिहास और संस्कृति के क्षेत्र में अब तक 39 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। दो अक्तूबर, 1936 को प्रदेश के जिला मंडी में जन्मे डा. हांडा कई संस्थाओं और विशेषज्ञ समितियों के सदस्य हैं और उम्र के 81वें पड़ाव पर उनकी नियमितता देखते ही बनती है।

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